प्रतिनियुक्ति पर गए बिजली बोर्ड अधिकारी संबंधित निगमों में ही होंगे समायोजित
शिमला, 7 अप्रैल (हप्र)
हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार राज्य बिजली बोर्ड के अन्य निगमों में प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारियों को उन्हीं निगमों में समायोजित करेगी। यह आदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में ऊर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के लोगों को बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करवाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्युत बोर्ड के कार्यों के सुचारू संचालन के लिए एचपीएसईबी में बड़े पैमाने पर फील्ड स्टाफ की भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने में एचपीपीटीसीएल के अधिकारी और कर्मचारी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की। सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान में एचपीएसईबी के कई अधिकारी ऊर्जा निदेशालय, एचपीपीसीएल और पावर कॉरपोरेशन में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि इन अधिकारियों को 30 अप्रैल तक संबंधित स्थानों में स्थायी रूप से समायोजित होने का विकल्प दिया जाए। इसके पश्चात, जो पद रिक्त रहेंगे उन्हें सरकार प्राथमिकता के आधार पर भरेगी ताकि बोर्ड का कार्य बेहतर ढंग से चल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 100 मेगावाट क्षमता की उहल चरण-3 जल विद्युत परियोजना का शीघ्र लोकार्पण कर दिया जाएगा। इस परियोजना को 17 मई, 2020 को पेनस्टॉक फटने से नुकसान पहुंचा था। इसके बावजूद वर्तमान राज्य सरकार ने इस परियोजना का कार्य तेजी से आगे बढ़ाया और परियोजना के लिए 185 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से अब तक 2.97 करोड़ यूनिट का विद्युत उत्पादन हो चुका है। वर्ष, 2003 में आरम्भ हुई यह परियोजना 22 वर्ष के बाद कार्यशील हो पाई है। यह परियोजना पूरी तरह संचालित होने के उपरान्त प्रतिवर्ष लगभग 392 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करेगी, जिससे राज्य को लगभग 200 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित होगा।