अष्टम-महागौरी
07:01 AM Apr 05, 2025 IST
नवरात्र के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी का पूजन किया जाता है। वर्ण गौर है। चार भुजाएं हैं। वाहन वृषभ है। इन्होंने पार्वती रूप में भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए इतनी कठोर तपस्या की कि इनका शरीर काला पड़ गया। तपस्या से प्रसन्न होकर जब भगवान शिव ने गंगा जल में स्नान कराया, तब वे विद्युत-प्रभा के समान कान्तिमान गौर हो गयीं। श्रद्धालु इनकी पूजा में यह श्लोक पढ़ते हैं-
‘श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचि:। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।’
Advertisement
Advertisement