विश्व स्वास्थ्य दिवस पर PGI में चर्चा: मां और बच्चे का स्वास्थ्य ही राष्ट्र की असली पूंजी
विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 7 अप्रैल
"जब मां की कोख सुरक्षित होती है, तभी राष्ट्र का भविष्य भी सुरक्षित होता है।" इस विचार को साकार करते हुए PGIMER, चंडीगढ़ में विश्व स्वास्थ्य दिवस पर मातृ और शिशु स्वास्थ्य को केंद्र में रखकर संवाद आयोजित हुआ। कार्यक्रम की थीम थी—"स्वस्थ शुरुआत, आशावान भविष्य"।
- इस आयोजन को इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन (IPHA) की स्थानीय इकाई और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एजुकेशन (NINE) ने मिलकर आयोजित किया।
सरकारी प्रयासों की चर्चा
चंडीगढ़ स्वास्थ्य सेवाओं की निदेशक डॉ. सुमन सिंह ने क्षेत्र में चल रही मातृ-शिशु स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव आ रहा है।
विशेषज्ञों ने रखे समाधान
IPHA के उपाध्यक्ष प्रो. जे.एस. ठाकुर ने कहा कि मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य में निवेश करना भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक मजबूत नींव तैयार करना है।
नवजात विभाग प्रमुख प्रो. प्रवीण कुमार ने पहले 28 दिनों की अहमियत बताई, जबकि प्रो. शालिनी गैंदर ने प्रसव के बाद की देखभाल को उतना ही जरूरी बताया।
मनोरोग विशेषज्ञ प्रो. शुभ्मोहन सिंह ने माताओं के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत बताई।
डॉ. मंजीत सिंह ने सामुदायिक स्तर पर हो रहे प्रयासों की जानकारी दी और डॉ. सुषमा कुमारी सैनी ने सम्मानजनक प्रसव देखभाल को असली स्वास्थ्य सेवा बताया।
170 प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी
PGIMER के विभिन्न विभागों से लगभग 170 प्रतिभागियों ने इस संवाद में हिस्सा लिया। पैनल चर्चा का संचालन प्रो. जे.एस. ठाकुर ने कि