किन्नौर भूस्खलन तीन और शव मिलने से मृतक संख्या हुई 28
शिमला, 17 अगस्त (एजेंसी)
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में मंगलवार को तीन और शव मिलने से भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हो गई। राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने कहा कि भावनगर डीएसपी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार निचार तहसील में राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर चौरा गांव में तीन शव मिले हैं। उन्होंने कहा कि खोज और बचाव अभियान, जो सोमवार रात को रोक दिया गया था, आज सुबह फिर से शुरू हो गया। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और पुलिस एवं होमगार्ड के जवानों द्वारा संयुक्त रूप से बचाव अभियान चलाया जा रहा है। चौरा गांव के पास 11 अगस्त को भूस्खलन हुआ था। हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की एक बस, एक एसयूवी और अन्य वाहन मलबे की चपेट में आ गए थे। घटना वाले दिन, 10 शव बरामद किए गए थे और 13 लोगों को बचाया गया था।
सोमवार तक पंद्रह और शव मिल चुके थे। मोख्ता ने कहा कि एसयूवी और उसके यात्रियों का अभी तक पता चला है, जिनके मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि यह संभव है कि वाहन मलबे के साथ लुढ़क गया हो। बृहस्पतिवार को एचआरटीसी की बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हालत में मिली थी। पहाड़ से नीचे पत्थर गिरने से नदी किनारे लुढ़क गया एक ट्रक भी मिला है और चालक का शव बरामद किया गया है।
हादसे के पीड़ितों को एसजेवीएन ने दी सहायता
शिमला (निस) : एसजेवीएन ने निगुलसरी के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर हुए भू-स्खालन के पीड़ितों को हरसंभव सहायता प्रदान की है। इस भूस्खलन में राज्य परिवहन निगम की एक बस तथा कुछ अन्य वाहन फंस गए थे। एसजेवीएन के अध्यनक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा के निर्देशों पर पर्याप्त उपकरणों से सुसज्जित एसजेवीएन के चिकित्सा अधिकारियों की एक टीम को भूस्खलन होने के कुछ घंटों के भीतर घटनास्थल पर सहयोग के लिए तैनात कर दिया गया था। घटनास्थल पर राहत एवं सहायता गतिविधियां आज भी जारी हैं। उन्होंने बताया कि राहत एवं बचाव टीम जिसमें 51 सीआईएसएफ कर्मी और 12 चिकित्सीय दल के सदस्यों ने दिन-रात राहत कार्य में सहयोग दिया। यह कर्मी एसजेवीएन की निकटतम की तीन परियोजनाओं नाथपा झाकड़ी, रामुपर तथा लूहरी पर तैनात हैं। नंदलाल शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन द्वारा भूस्खुलन के मलबे को हटाने के लिए हैवी अर्थ मूविंग उपकरण प्रदान किए गए, व्यक्तियों और सामग्री के परिवहन में सहायता प्रदान करने के लिए आपातकालीन वाहनों को तैनात किया गया। भूस्खलन स्थल के दोनों तरफ नि:शुल्क भोजन और बचाव अभियान के दौरान प्रतिदिन लगभग 300 लोगों को भोजन उपलब्ध करवाया।