Haryana News: हयूमन वेल्फेयर को-ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले के मामले में केंद्र ने शुरू की कार्रवाई
विनोद लाहोट/निस, समालखा
Haryana News: हरियाणा सहित देशभर के लाखों गरीब जमाकर्ताओं से हजारों करोड़ रुपये की ठगी करने वाली हयूमन वेल्फेयर क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के खिलाफ केंद्र सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। सहकारिता मंत्रालय के तहत सेंट्रल रजिस्ट्रार रबिंद्र कुमार अग्रवाल ने सोसाइटी के लिक्विडेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे पीड़ित जमाकर्ताओं को अपने पैसे वापस मिलने की उम्मीद जगी है।
लिक्विडेशन प्रक्रिया शुरू, पूर्वी दिल्ली डीसी को मिली जिम्मेदारी
आरटीआई एक्टिविस्ट कॉमरेड पीपी कपूर ने बताया कि केंद्र सरकार ने पूर्वी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट (डीसी) को लिक्विडेटर नियुक्त किया है। अब ठगी के शिकार सभी जमाकर्ताओं को अपनी शिकायतें सबूतों सहित लिखित रूप में लिक्विडेटर के पास दर्ज करानी होंगी। लिक्विडेशन प्रक्रिया के तहत सोसाइटी की चल-अचल संपत्तियों को नीलाम कर पीड़ितों का पैसा लौटाया जाएगा।
कैसे फूटा घोटाले का भांडा?
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 11 दिसंबर 2024 को दिलदार हुसैन द्वारा दायर याचिका पर सेंट्रल रजिस्ट्रार से हयूमन सोसाइटी में जमाकर्ताओं के जमा पैसों की रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद जनवरी 2025 में दो बार रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजे गए, लेकिन सोसाइटी के फरार होने के कारण नोटिस वापस आ गए। सोसाइटी की आधिकारिक वेबसाइट पर भेजे गए नोटिस का भी कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद सरकार ने लिक्विडेशन प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया।
ऐसे लोगों को बनाया शिकार
कॉमरेड पीपी कपूर ने बताया कि इस सोसाइटी ने भारत सरकार के सहकारिता व कृषि मंत्रालय से को-ऑपरेटिव सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर रखा था। सरकार से मान्यता होने के कारण छोटे-छोटे गरीब जमाकर्ता इसमें फंस गए। सोसाइटी ने सरकारी बैंकों से अधिक ब्याज देने का झांसा दिया और जमाकर्ताओं को आकर्षित किया।
बीजेपी नेताओं की सोसाइटी से निकटता
गौरतलब है कि इस सोसाइटी के कार्यक्रमों में बीजेपी के कई बड़े नेता शामिल होते रहे, जिससे लोगों का इस पर भरोसा और मजबूत हुआ। कम पढ़े-लिखे लोग इसे सरकारी स्कीमों से जुड़ी संस्था मानकर इसमें अपना पैसा लगाते रहे।
संगठन के संचालक फरार, गिरफ्तारी की मांग
कॉमरेड कपूर ने हयूमन सोसाइटी के मुख्य आरोपी समीर अग्रवाल, हरियाणा प्रभारी और पूरे नेटवर्क को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह घोटाला सरकार की निगरानी में हुआ, और यदि पहले कार्रवाई होती तो हजारों करोड़ की यह ठगी रोकी जा सकती थी।
धरना प्रदर्शन कर रहे पीड़ित
हरियाणा सहित कई राज्यों में हयूमन सोसाइटी के पीड़ित जमाकर्ता और एजेंट पिछले एक महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पीड़ितों का कहना है कि जब तक उनकी जमा पूंजी वापस नहीं मिलती, वे सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे।
सरकार द्वारा लिक्विडेशन प्रक्रिया शुरू करने से जमाकर्ताओं को कुछ राहत जरूर मिली है, लेकिन ठगी के आरोपियों की गिरफ्तारी और संपत्तियों की नीलामी ही यह तय करेगी कि क्या लाखों लोगों की मेहनत की कमाई वापस मिल पाएगी या नहीं।