संघर्ष का सौन्दर्य
हेयरस्टन का जन्म उत्तरी कैरोलिना में हुआ था। कम उम्र में ही उनके पिता का देहांत हो गया। मां काम पर जाती तो देखभाल उनकी दादी करती। कई बार दादी की जान-पहचान वाली महिलाएं आती और वे दक्षिणी अमेरिका के जीवन गीत गुनगुनातीं। नन्हे हेयरस्टन को यह सब बहुत अच्छा लगता था। उसकी दादी अपनी मित्रों के साथ वृक्षों पर बातें करती। कम उम्र में ही हेयरस्टन ने ठान लिया कि वह अपनी दादी की बातों को संगीत के माध्यम से विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाएगा। पढ़ाई के बाद बचा हुआ समय हेयरस्टन संगीत में लगाता। स्कूली शिक्षा समाप्त करने के बाद हेयरस्टन ने अपने संगीत को व्यावसायिक रूप देना चाहा, लेकिन उनके नीग्रो होने के कारण लोग उन पर व्यंग्य कसते। इन सबसे बेखबर जेस्टर हेयरस्टन दिन-रात स्वयं को निखारने में लगे रहे। एक दिन एक कंपनी ने उनके हुनर को पहचान कर उन्हें अवसर दिया। इसके बाद उन्हें पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ी। हेयरस्टन के गीतों के जादू ने कुछ ही समय में पूरी दुनिया को अपना दीवाना बना दिया। आज अमेरिका में शायद ही कोई ऐसी गायन मंडली हो, जिसने उनका गीत न गाया हो। संघर्ष में तपकर जेस्टर हेयरस्टन पूरे विश्व में छा गए।
प्रस्तुति : निशा सहगल