हरियाणा में सरस्वती की उद्गम स्थली आदिबद्री पर बनेगा बांध
चंडीगढ़, 16 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर सरस्वती की उद्गम स्थली आदिबद्री में बांध बनाकर जल संचय किया जाएगा। दोनों प्रदेशों की सरकार में बांध बनाने को लेकर समझौता हो चुका है। एचपीपीसीएल इस परियोजना की कार्यकारी एजेंसी है। सरस्वती नदी में बांध, बैराज, जलाशय और जल निकायों के जरिये 20 क्यूसिक स्वच्छ पानी प्रवाहित होगा। सरकार ने इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है।
सरस्वती की उद्गम स्थली आदिबद्री से लेकर पिहोवा तक पूरे वर्ष नियमित रूप से 20 क्यूसिक पानी छाड़ने का लक्ष्य रखा है। पिहोवा से कांग्रेस विधायक मनदीप सिंह चट्ठा ने पिहोवा से बहने वाली सरस्वती नदी की स्थिति, इसमें जल के स्थिर खड़ा रहने के कारण दुर्गंध व गंदगी फैलने का मुद्दा उठाते हुए सिंचाई मंत्री से जवाब मांगा कि सरस्वती नदी में ताजा पानी छोड़ने को लेकर सरकार की प्लानिंग के बारे में सवाल किया था। इसके जवाब में सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी की ओर से यह जानकारी दी गई।
कैबिनेट मंत्री ने लिखित जवाब में बताया कि पिहोवा में सरस्वती नदी में पानी का जमाव नहीं है। सरस्वती नदी इस क्षेत्र में उपलब्ध एक मात्र जल निकासी प्रणाली है। आदिबद्री से घग्गर नदी में इसके उद्गम तक सरस्वती नदी की स्थिति सुधारने के लिए बांध, बैराज, जलाशय, जल निकायों का निर्माण और चैनलों को आपस में जोड़ने की योजना तैयार की जा चुकी है। कैबिनेट मंत्री श्रुति चौधरी ने बताया कि हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सीमा में सोम नदी पर आदिबद्री बांध बनाया जाएगा। बांध की भंडारण क्षमता 224 हेक्टेयर मीटर है। हिमाचल और हरियाणा सरकार के बीच 21 जनवरी 2022 को इस पर एमओयू हो चुका है।