हैप्पी-हेल्दी जिंदगी के जापानी गुर
जापान में लोग दुनिया में सबसे ज्यादा साल जीवन जीते हैं। ताउम्र उनकी फिटनेस भी बनी रहती है। इसकी वजह है उनके द्वारा दिनचर्या में अपनाए जाने वाले तौर-तरीके। पोषक आहार, हारा हाची बु यानी कम खाना व पैदल चलने की आदत उन्हें हैप्पी-हेल्दी रखती है।
शिखर चंद जैन
दुनिया भर में कहीं सबसे ज्यादा दीर्घायु लोग रहते हैं तो वह जगह है, जापान। इसके अलावा आपने विभिन्न टीवी शोज़, फिल्मों या यू ट्यूब पर रील आदि में देखा होगा कि आम तौर पर जापानी फिट होते हैं। वे ओवरवेट या ओबीज नहीं होते।
दरअसल ऐसा जापानी आहार , अच्छी जीवनशैली और अनुशासन के कारण संभव हुआ है। जापानी भोजन में कई पोषक तत्वों और विटामिंस और मिनरल्स से समृद्ध खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। वहीं जापान में बहुत ज़्यादा पैदल चला जाता है। इसके अलावा, सेहत जागरूकता के कारण लोग अपने वज़न पर नियंत्रण रखते हैं।
उच्चतम जीवन प्रत्याशा दर
प्रमाणित तथ्य है कि जापानी लोग अधिकांश पश्चिमी लोगों की तुलना में अधिक स्वस्थ हैं और उनकी जीवन प्रत्याशा दर विश्व में सबसे अधिक है। ओईसीडी के आंकड़ों के अनुसार जी7 देशों में जीवन प्रत्याशा की उच्चतम दर जापान में है। औसतन जापानी पुरुषों की जीवन प्रत्याशा लगभग 81.1 वर्ष व महिलाओं की जीवन प्रत्याशा 87.1 वर्ष है। इसमें सबसे बड़ा कारक वहां मोटापे की कम दर है।
हेल्थ मंत्र - हारा हाची बु
कन्फ्यूशियस की शिक्षाओं के अनुसार, तब तक खाना पर्याप्त है जब तक आपका पेट 80 प्रतिशत तक न भर जाए। यह सलाह इस विचार से उपजी है कि दिमाग को यह अहसास होने में लगभग 20 मिनट लगते हैं कि पेट भर गया है, इसलिए उस बिंदु पर रुककर, जहां आपको 80 फीसदी पेट भरा हुआ महसूस हो, आप अधिक खाने से बच सकते हैं । करीब 80 फीसदी तक पेट भर जाने तक खाने की अवधारणा यानी ‘हारा हाची बु’ जापान में, विशेष रूप से ओकीनावावासियों में अभी भी लोकप्रिय है। ओकीनावा दुनिया में सबसे ज्यादा दीर्घायु लोगों की आबादी के लिए प्रसिद्ध है।
संतुलित आहार
जापानी भोजन हल्का होता है। जबकि जापानी भोजन में नूडल्स, चावल और इसी तरह के कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो वजन बढ़ाने से जुड़े हैं। लेकिन जापानी लोग इसके साथ बहुत सारा प्रोटीन खाते हैं। उनके आहार में वसा, फाइबर और विटामिन की मात्रा संतुलित होती है। फैट वाला सॉस नहीं खाते।
हेल्दी कुकिंग
यहां तलने की तुलना में भाप में पकाना और उबालना यहां ज़्यादा आम है। तले हुए खाद्य पदार्थ भी डीप फ्राई नहीं होते। साथ ही ये सब्जियां भी खूब खाते हैं जिन्हें ज्यादा नहीं पकाया जाता। दरअसल, यहां की संस्कृति स्वस्थ आहार पर ज़ोर देती है। बच्चों को स्कूल में संतुलित भोजन बनाना भी सिखाया जाता है।
सुपर फूड्स की भरमार
जापान के स्वास्थ्य और लंबी आयु का रहस्य कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों से भी जुड़ा है जो जापानी व्यंजनों में काफी आम हैं। जापानी लोग, कई अन्य एशियाई लोगों की तरह, अपने भोजन में सोयाबीन और सोया-आधारित उत्पादों का भरपूर उपयोग करते हैं। सोयाबीन पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसके अलावा, जापानी लोग अक्सर सोयाबीन को किण्वित रूप में भी खाते हैं। मिसो पेस्ट, जो कई सूप और रेमन व्यंजनों का आधार है, साथ ही आम तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला सोया सॉस दोनों सोयाबीन को किण्वित करके बनाए जाते हैं। किण्वित खाद्य पदार्थों में स्वस्थ बैक्टीरिया भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो पाचन में मदद करते हैं। इसके अलावा, जापानी घरों में प्रयोग होने वाला ग्रीन टी या पाउडर वाला माचा सेहतमंद है। अध्ययनों से यह पता चलता है कि यह कोरोनरी हृदय रोग के जोखिम कम करता है।
इन खाद्य पदार्थों से है परहेज
जापान में चीनी की खपत बहुत अधिक संतुलित है। चाय-कॉफ़ी में भी ज़्यादातर लोग चीनी का इस्तेमाल नहीं करते हैं और जापानी खाना पकाने में इस्तेमाल की जाने वाली चीनी कच्ची चीनी होती है। और यह प्रोसेस्ड नहीं होती, इसमें केमिकल भी नहीं होते। इसमें फॉस्फोरस, आयरन और कैल्शियम जैसे स्वस्थ खनिज होते हैं। जापानी लाल मांस नहीं खाते। वे समुद्री भोजन और मछली खाते हैं जिसका वसा ओमेगा-3 से भरपूर होता है।
सक्रिय जीवनशैली
जापान में काम या स्कूल जाने के लिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग और पैदल चलना लोकप्रिय तरीका है। छोटे शहरों या ग्रामीण इलाकों में रहने वालों के लिए, इनका (इनाका ) साइकिल से काम पर जाना भी काफी आम है, जो अपने आप में दैनिक कसरत है। व्यायाम करना या किसी न किसी रूप में सक्रिय रहना जापानी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।