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...यही रवैया रहा तो इन्हें सदन में बोलने नहीं देंगे : हुड्डा

05:04 AM Mar 21, 2025 IST
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भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अनिल विज

चंडीगढ़, 20 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा और ऊर्जा मंत्री अनिल विज कर्ज और खर्च पर आपस में भिड़ गए। दोनों नेताओं के बीच खूब तू-तू-मैं-मैं हुई। बृहस्पतिवार को जब पूर्व सीएम हुड्‌डा बजट चर्चा के दौरान बोल रहे थे तो उन्होंने प्रदेश पर बढ़ रहे कर्ज और खर्चों पर नायब सरकार को घेरा। उन्होंने कर्ज पर सरकार से श्वेत पत्र की मांग की। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जवाब दिया, हुड्‌डा साहब आपकी एक-एक बात का जवाब दिया जाएगा।
बजट चर्चा के दौरान पूर्व सीएम ने शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र के घटाए गए बजट पर सवाल उठाए तो ऊर्जा मंत्री ने खड़े होकर हुड्‌डा से जवाब मांगा कि वे बताएं किसका खर्चा कैसे घटाया जाए। हुड्‌डा ने जवाब दिया, वे कह रहे हैं कि महत्वपूर्ण सेवाओं के बजट में कटौती की गई है। दोनों नेताओं के बीच तीखी बहसबाजी हुई।
पूर्व सीएम ने कहा, स्पीकर साहब यदि इनका यही रवैया रहा तो वे सदन में इन्हें बोलने नहीं देंगे। इसका जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उन्हें जनता ने चुनकर भेजा है और ‘मैं पांच साल खुलकर बोलूंगा और तुम्हारी जान खाऊंगा।’ विज यही नहीं रूके, उनका कहना था कि इनके शासनकाल में उन्हें बोलने के लिए संघर्ष करना पड़ता था। स्पीकर ने टोकते हुए मामले को शांत कराया।
बजट पर चर्चा के दौरान पूर्व सीएम ने सरकार से जवाब मांगा कि 10 साल के कार्यकाल में कितना कर्जा बढ़ा है और कितने खर्चे बढ़े हैं, इसक पर श्वेत पत्र लाना चाहिए। 10 साल के कार्यकाल में सरकार कोई भी नया प्रोजैक्ट नहीं लाई और न ही मेट्रो का एक भी नया पिल्लर लगाया गया है और एक इंच भी रेलवे लाइन नहीं बढ़ी है। प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी है तो अस्पतालों में डाक्टर नहीं है और कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। हुड्‌डा ने कहा कि सरकार ‘घी पीओ और सो जाओ’ की नीति पर चल रही है।

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स्पीकर की हिदायत, लिखित भाषण न पढ़ें

विस स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने माननीयों को हिदायत दी कि सदन में लिखित भाषण पढ़ने से बचे। जानकारी के लिए महत्वपूर्ण बिंदू जरूर लिखें, लेकिन पूरा लिखा हुआ भाषण न पढ़ें। दरअसल, पूंडरी से भाजपा विधायक सतपाल जांबा ने बजट चर्चा पर अपना पूरा भाषण लिखा हुआ पढ़ा, जिस पर विस अध्यक्ष ने उन्हें टोका। वहीं विस अध्यक्ष ने सदस्यों को टोकते हुए कहा कि सदन में सदस्य आपस में बात न करें, सदन की गंभीरता को समझें।

आदित्य देवीलाल का आरोप- विधायकों की नहीं हो रही सुनवाई

इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल चौटाला आरोप लगाया कि जनप्रतिधियों की सुनवाई नहीं हो रही है। उनके सामने सड़क दुर्घटना का मामला आया, उन्होंने पंचकूला के डीसीपी और उच्चाधिकारियों को अवगत कराया था, लेकिन अभी तक उन्हें अवगत नहीं कराया कि इस मामले में क्या कार्रवाई की गई। चौटाला ने आरोप लगाया कि जन प्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं हो रही है। यह हाल जनप्रतिनिधियों का है तो आमजन की शिकायतों के निवारण को लेकर अधिकारी कितने गंभीर होंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। आदित्य देवीलाल ने पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ाने की मांग उठाई तो सभी विधायकों का समर्थन करते हुए उनके भी भत्ते बढ़ाने की मांग की।

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