Haryan News : नकली, बीमारीग्रस्त पौधे बेचने पर एक साल की सजा : राणा
चंडीगढ़, 28 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा के शहरों एवं गांवों में नर्सरियों व पौधशालाओं में पौधे बेचने वालों पर अब सरकार का अंकुश रहेगा। नर्सरियों में नकली, बीमारीग्रस्त और प्रचलन से बाहर की प्रजातियों की पौध बेचने वालों पर कानूनी कार्रवाई हो सकेगी। ऐसा करने पर एक साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकेगा। शुक्रवार को विधानसभा में कृषि एवं बागवानी मंत्री श्याम सिंह राणा ने ‘हरियाणा बागवानी पौधशाला विधेयक-2025’ पेश किया।
इस विधेयक को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। विधेयक को लाने के पीछे सरकार की सोच किसानों को बागवानी फसलों की तरफ मोड़ने, अधिक फसल उत्पादन और किसानों को ज्यादा से ज्यादा आर्थिक लाभ दिलाने की है। बागवानी फसलों में सब्जियां, हर तरह के मसाले, फूल, हर तरह के फल, सजावटी फूल और सुगंधमयी फूल रखे गए हैं। विधेयक के तहत अब प्रदेश में सभी नर्सरी व पौधशाला संचालकों के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा।
अभी तक यह हो रहा है कि राज्य में बिना किसी नियंत्रण के पौधाशालाएं और नर्सरी संचालक तरह-तरह की पौध बेच रहे हैं। उन पर किसी का नियंत्रण नहीं है। कोई यह भी नहीं जांच पाता कि जिस पौध या पनीरी की बिक्री की जा रही है, वह प्रचलन में है भी अथवा नहीं।
अनाधिकृत पौधशाला का नहीं होगा संचालन : कृषि मंत्री ने बताया कि नर्सरियों व पौधशालाओं में अब नई प्रजाति की पौध ही बेची जा सकेगी। रोगग्रस्त पौध के इस्तेमाल से पैदावार नहीं होती थी और किसानों की लागत बढ़ती थी। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि किसान बागवानी फसलों के उत्पादन की तरफ बढ़ें और अच्छी किस्म के पौधे लगातार अधिक उत्पादन लें और ज्यादा लाभ कमाएं। यह तभी संभव हो सकेगा, जब पौधशालाओं व नर्सरियों पर सरकार का नियंत्रण रहेगा। नये कानून के तहत इन सभी को अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। राज्य में कोई भी अनाधिकृत पौधशाला का संचालन नहीं होगा। हरियाणा बागवानी पौधशाला विधेयक 2025 राज्य के बागवानी किसानों को सुरक्षा और आर्थिक लाभ प्रदान करेगा।
किसान अब एक दिन में बेच सकेंगे 40 क्विंटल सरसों
हरियाणा की नायब सरकार ने प्रदेश के सरसों उत्पादक किसानों को बड़ी राहत दी है। किसान अब एक दिन में 40 क्विंटल सरसों मंडियों में बेच सकेंगे। अभी तक किसानों पर 25 क्विंटल सरसों बेचने की कैप लगी हुई थी। किसानों द्वारा लम्बे समय से इसकी मांग की जा रही थी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आदेशों के बाद कृषि विभाग के निदेशक ने इस संदर्भ में लिखित हिदायतें जारी की हैं। कृषि विभाग के निदेशक की ओर से हैफेड के प्रबंध निदेशक (एमडी), हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के एमडी, नैफेड के स्टेट हेड तथा नेशनल को-ऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन (एनसीसीएफ) के हरियाणा प्रमुख को पत्र लिखा है। दरअसल केंद्र सरकार की ओर से गरीब परिवारों को राशन डिपो के जरिये की जाने वाली मदद की कड़ी में सरसों खरीद की लिमिट बढ़ाने का निर्णय लिया था। इसके तहत ही नायब सरकार ने यह कदम उठाया है।