मोदी के निमंत्रण पर भारत आने की तैयारी में पुतिन
मॉस्को, 27 मार्च (एजेंसी)
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बृहस्पतिवार को बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत का दौरा करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। उनकी यात्रा की तैयारियां की जा रही हैं।
रूसी अंतर्राष्ट्रीय मामलों की परिषद (आरआईएसी) द्वारा ‘रूस और भारत : एक नए द्विपक्षीय एजेंडे की ओर’ विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए लावरोव ने ये बातें कहीं। रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले साल फिर से चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की सबसे पहली विदेश यात्रा रूस की थी। उन्होंने कहा, ‘अब हमारी बारी है।’ हालांकि, यात्रा की तारीखों का अभी खुलासा नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई 2024 में रूस की यात्रा की थी, जो लगभग पांच वर्षों में उनकी पहली रूस यात्रा थी। इससे पहले, उन्होंने 2019 में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए सुदूर पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक का दौरा किया था। मोदी ने पुतिन को भारत आने का आमंत्रण दिया था।
लावरोव ने एक कार्यक्रम में कहा कि रूस अब चीन, भारत, ईरान, उत्तर कोरिया जैसे देशों और स्वतंत्र देशों के राष्ट्रमंडल (सीआईएस) के साथ सक्रिय रूप से संबंधों का विस्तार कर रहा है। शीर्ष रूसी राजनयिक ने कहा, ‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के साथ व्यापक साझेदारी और रणनीतिक सहयोग के संबंध आपसी विश्वास के अभूतपूर्व स्तर तक पहुंच चुके हैं। भारत के साथ विशेष रूप से विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी विकसित हो रही है।’ पुतिन ने जनवरी में भारत के 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी को प्रेषित अपने बधाई संदेश में कहा कि रूस-भारत संबंध ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ पर आधारित हैं। पुतिन और मोदी नियमित संपर्क बनाए रखते हैं तथा औसतन हर दो महीने में एक बार टेलीफोन पर बातचीत करते हैं।
जयशंकर बोले- दोनों देशों में अधिक सहयोग की जरूरत
नयी दिल्ली : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि आज के तेजी से बदलते दौर में भारत और रूस एक ‘जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य’ से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बहुध्रुवीय व्यवस्था के युग में दोनों देशों के बीच अधिक सहयोग की आवश्यकता है। ‘रूस और भारत : एक नए द्विपक्षीय एजेंडे की ओर’ सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘भारत और रूस के बीच खास और विशेष रणनीतिक साझेदारी को प्रगाढ़ बनाना विदेश नीति की एक साझा प्राथमिकता बनी हुई है।’ जयशंकर ने कहा कि भारत, रूस के साथ अपने संबंधों को बेहद महत्व देता है और दोनों देश इस गहरी मित्रता को प्रगाढ़ करने और सहयोग के नये आयाम तलाशने के लिए प्रतिबद्ध हैं।