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ट्रंप ने भारतीय चुनाव प्रणाली को सराहा

05:00 AM Mar 27, 2025 IST
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FILE PHOTO: U.S. President Donald Trump talks to the media, next to Tesla CEO Elon Musk (not pictured), at the White House in Washington, D.C., U.S., March 11, 2025. REUTERS/Kevin Lamarque/File Photo
न्यूयॉर्क, 26 मार्च (एजेंसी)
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अमेरिका में चुनाव प्रणाली को आमूलचूल परिवर्तन के लिए कार्यकारी आदेश जारी किया गया है। इस कवायद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय चुनाव प्रणाली को सराहा। ट्रंप ने मतदाता पहचान को बायोमेट्रिक डेटाबेस से जोड़ने की कवायद का उदाहरण दिया। गौर हो कि भारत में आधार से मतदान को जोड़ने संबंधी मामले को आगे बढ़ाया जा रहा है।

ट्रंप ने संबंधित मसले पर अपने कार्यकारी आदेश में भारत और ब्राजील का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देश मतदाता पहचान को बायोमेट्रिक डेटाबेस से जोड़ रहे हैं, जबकि अमेरिका नागरिकता के लिए स्व-सत्यापन पर निर्भर है। ट्रंप द्वारा हस्ताक्षरित व्यापक कार्यकारी आदेश में कहा गया है कि स्वशासन की अग्रणी व्यवस्था के बावजूद, अमेरिका अभी तक दोनों देशों द्वारा उपयोग किए जाने वाले बुनियादी और आवश्यक चुनाव सुरक्षा को लागू करने में विफल रहा है। आदेश के अनुसार, ‘उदाहरण के लिए भारत और ब्राजील मतदाता पहचान को बायोमेट्रिक डेटाबेस से जोड़ रहे हैं, जबकि अमेरिका नागरिकता के लिए बड़े पैमाने पर स्व-सत्यापन पर निर्भर है।' इसमें कहा गया है, ‘मतों की गिनती करने में जर्मनी और कनाडा को स्थानीय अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक रूप से गिने जाने वाले कागजी मतपत्रों के उपयोग की आवश्यकता होती है, जो मतदान विधियों से जुड़ी अमेरिकी ‘पैचवर्क' (उलझन) की तुलना में विवादों की संख्या को काफी हद तक कम कर देता है। डेनमार्क और स्वीडन जैसे देश समझदारी से ‘डाक द्वारा मतपत्र भेजकर मतदान करने' की सुविधा को उन लोगों तक सीमित रखते हैं जो व्यक्तिगत रूप से मतदान करने में असमर्थ हैं और मतपत्र भेजे जाने की तारीख की परवाह किए बिना देर से आने वाले वोटों की गिनती नहीं करते हैं, जबकि कई अमेरिकी चुनावों में अब भी डाक द्वारा सामूहिक मतदान की सुविधा है, जिसमें कई अधिकारी बगैर तिथि वाले मतपत्र या चुनाव के दिन के काफी बाद प्राप्त होने वाले मतपत्र को स्वीकार करते हैं।' आदेश में कहा गया है कि भारत में निर्वाचन आयोग मतदाता पहचान-पत्र को आधार से जोड़ने की संभावना तलाश रहा है, जिसमें बायोमेट्रिक डेटाबेस शामिल है। गौर हो कि चुनाव आयोग ने 18 मार्च को कहा कि इस तरह के अभ्यास के लिए उसके विशेषज्ञों और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के बीच तकनीकी परामर्श शुरू होगा। इन सबका हवाला देते हुए ट्रंप ने ‘धोखाधड़ी, त्रुटियों या संदेह से रहित स्वतंत्र, निष्पक्ष और शुचितापूर्ण चुनाव' का आह्वान किया।

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भारत में बूथ स्तर के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण शुरू

नयी दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने बुधवार को यहां बूथ-स्तर के एक लाख से अधिक अधिकारियों के लिए पहली बार प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया। इस दौरान जमीनी स्तर के चुनाव पदाधिकारियों को परिदृश्य-आधारित स्थितियों के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। बिहार, पश्चिम बंगाल और असम से बूथ-स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) का पहला समूह दो दिवसीय कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए यहां आया है। अच्छी तरह से प्रशिक्षित बीएलओ बाद में बीएलओ के राष्ट्रव्यापी नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए विधानसभा स्तर के ‘मास्टर ट्रेनर' बन जाएंगे। निर्वाचन आयोग ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रति 10 मतदान केंद्र पर औसतन एक बीएलओ को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह कार्यक्रम कई चरणों में जारी रहेगा और पहले चरण में चुनाव वाले राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसमें पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु के 24 मतदाता पंजीकरण अधिकारी और 13 जिला निर्वाचन अधिकारी भी प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

 

 

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