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06:48 AM Jun 30, 2023 IST

लोकतंत्र को मजबूती
सत्ताईस जून के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘समान संहिता से धर्म निरपेक्ष लोकतंत्र को मजबूती’ का लेख बहुत ही रोचक व ज्ञानवर्धक है। वहीं दूसरी ओर न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी के कुशल नेतृत्व में बाईसवें भारतीय विधि आयोग द्वारा सार्वजनिक सूचना के माध्यम से जनता और धार्मिक संगठनों से विचारों को आमंत्रित करने की पहल प्रशंसनीय है। सरकार को विशेषकर अल्पसंख्यकों की आशंकाओं को दूर करना होगा और आश्वस्त करना होगा कि उनके अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। मीडिया को भारतीय विधि आयोग की सार्वजनिक सूचना के बारे में जनता को जागरूक करना चाहिए। साथ ही स्वतंत्र रूप से स्वस्थ बहस चलानी चाहिए ताकि परिपक्व लोकतंत्र में जनभागीदारी को सुनिश्चित किया जा सके।
संदीप कुमार वत्स, चंडीगढ़ ‌

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रूस सबक ले
यूक्रेन पर कब्जा करने की नीयत से मैदान में कूदे रूस को लगभग डेढ़ साल के बाद भी सफलता नहीं मिल पाई है। भले ही उसने यूक्रेन में विनाश का तांडव मचा रखा है पर जिस तरह उसे कड़ा जवाब मिल रहा है वह उसकी महाशक्ति की हैसियत को चुनौती है। वहीं रूस को वैगनर समूह ने जिस तरह चुनौती दी है, इससे सरकार की कमजोरी उजागर हुई। भले ही वैगनर समूह ने 24 घंटे में पैर पीछे खींच लिए पर पुतिन इस घटनाक्रम से सबक लें।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.

चुनावी मायने
भोपाल में कार्यक्रम के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण में शामिल यूसीसी की चर्चा जोरों पर है। उन्होंने कहा कि एक ही घर में एक सदस्य के लिए एक कानून और दूसरे के लिए दूसरा कानून नहीं चल सकते। एक देश एक कानून की इस धारणा में सभी को फायदा है बेशक इस कानून की आवाज उठने के पीछे चुनावी मायने भी हों। इस कानून के लागू होने से निश्चित रूप से लोकसभा चुनाव में एक दल को फायदा होगा।
कांतिलाल मांडोत, सूरत

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लोकतंत्र