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महिला शक्ति
‘जनादेश का संदेश’ संपादकीय ट्रिब्यून 25 नवंबर पढ़ा। मध्य प्रदेश के बाद महाराष्ट्र बहनों के आशीर्वाद से चुनाव जीतने वाला दूसरा राज्य बना है। महाराष्ट्र में मुकाबला कांटेदार बताया जा रहा था, और विपक्ष को भी बहुमत नहीं तो कम से कम पर्याप्त सीटों की उम्मीद थी, लेकिन महाराष्ट्र की सरकार ने बहनों के नाम ‘माझी लाड़की बहणा’ ने विपक्ष की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अब ऐसा लगने लगा है कि सत्ता की चाबी जनता की बजाय महिलाओं के हाथ में है। बड़े बहुमत के बाद सत्ता में वापसी महायुति की सरकार के लिए जनादेश और जन विश्वास पर खरा उतरने की बड़ी चुनौती है।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.
कच्ची उम्र की शादी
तीस नवंबर के दैनिक ट्रिब्यून के ‘खेलने की उम्र में ब्याह’ संपादकीय में बाल विवाह की समस्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। भारत में लगभग 40 प्रतिशत लड़कियों की 18 वर्ष से पहले शादी कर दी जाती है, जिससे उनके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पश्चिम बंगाल, बिहार और त्रिपुरा जैसे राज्य इस समस्या में सबसे आगे हैं। हालांकि, सरकार ने कुछ वर्ष पूर्व विवाह की उम्र 21 वर्ष निर्धारित करने की कोशिश की थी, लेकिन फिर भी बाल विवाह जारी है। दरअसल, समाज में कानून का सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है। गरीब परिवारों में यह प्रथा आम है। बाल विवाह को समाप्त करने के लिए कठोर कानून और जागरूकता की आवश्यकता है।
शामलाल कौशल, रोहतक
अंधेरे में हादसे
ज्यादातर दुर्घटनाएं अंधेरे के कारण होती हैं, जैसे सड़क पर खड़े पशु और वाहन दिखाई नहीं देते। कई स्थानों पर रेडियम पेंट से बने चिन्ह होते हैं, जो रोशनी में अंधेरे में अधिक स्पष्ट दिखते हैं। तभी सड़क पर खड़े पशु और वाहन दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। बैलगाड़ी के पीछे रेडियम लगाया जाना चाहिए। साइकिल के अलावा अन्य वाहनों में रेडियम इंडिकेटर होते हैं, जो सभी वाहनों में लगवाए जाने चाहिए। साथ ही, पशुओं के गले में रेडियम बेल्ट बांधने से उनकी और हमारी सुरक्षा बढ़ सकती है।
संजय वर्मा, मनावर, धार, म.प्र.