पत्र
जलवायु परिवर्तन का संकट
दो दिसंबर के दैनिक ट्रिब्यून के संपादकीय ‘ग्लेशियर संकट’ ने ग्लोबल वार्मिंग के कारण पहाड़ों पर ग्लेशियरों के पिघलने से झीलों के फटने और मैदानी इलाकों में तबाही मचने की आशंका के लिए चेताया है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण वायुमंडल में परिवर्तन होता है। अनियमित मानसून और जरूरत से ज्यादा बारिश से समुद्र का जलस्तर बढ़ जाता है। केदारनाथ संकट की तबाही को याद करते हुए संपादकीय में जलवायु परिवर्तन के संकट से बचने के लिए ग्लोबल वार्मिंग और ग्रीनहाउस गैसों पर नियंत्रण की आवश्यकता की बात की गई है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
दिव्यांगों का सशक्तीकरण
तीन दिसंबर को विश्व दिव्यांग दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य दिव्यांगों का सशक्तीकरण और समान अधिकार सुनिश्चित करना है। देश में दिव्यांगों की संख्या 2.68 करोड़ के आसपास है। कुदरत ने जिनको दर्द दिया है, उनके दर्द को समझना इंसानियत है, न कि इनकी अनदेखी करना। सरकार और सामाजिक संस्थाएं दिव्यांगों के लिए कार्य कर रही हैं, लेकिन समाज और परिवारों को भी इनकी मदद और सशक्तीकरण में सहयोग करना चाहिए। दिव्यांगों को शिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
जनसंख्या की चुनौती
भारत में बढ़ती जनसंख्या एक गंभीर चुनौती बन गई है, जैसा कि राजस्थान चुनाव रैली में प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं ने व्यक्त किया। आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट के अनुसार, अल्पसंख्यकों में वृद्धि और बहुसंख्यकों में कमी आई है। जनसंख्या वृद्धि के कारण बेरोजगारी, महंगाई, भुखमरी, कुपोषण और अपराध जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। इसके घातक प्रभावों से बचने के लिए जनसंख्या वृद्धि को समझकर, देशहित में उचित कदम उठाना आवश्यक है, राजनीति और धार्मिक मुद्दों से ऊपर उठकर।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन