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प्रदूषण का संकट
तेईस नवंबर के दैनिक ट्रिब्यून के संपादकीय ‘ज़हरीली प्राण वायु’ में दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु और जल प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता को उजागर किया गया। कोर्ट ने ग्रैप-4 लागू करने के बावजूद ट्रकों के प्रवेश पर रोक न लगाने पर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों को फटकार लगाई। कोर्ट ने प्रदूषण की समस्या को सुलझाने के लिए सरकार को प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके अलावा, जल प्रदूषण रोकने और शुद्ध जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी जरूरी उपायों की मांग की गई। कोर्ट ने लोगों को स्वच्छ हवा और पानी का अधिकार सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
खत्म हो अवरोध
संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामे में ही समाप्त हो गया, जो इस बात का संकेत है कि विपक्ष, चाहे कम संख्या में हो या अधिक, सरकार की कार्यशैली से असंतुष्ट है। प्रधानमंत्री मोदी ने संसद की कार्यवाही में मेलजोल की आवश्यकता पर जोर दिया, लेकिन कुछ सांसद अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए हंगामा करते हैं, जिससे सामान्य सांसदों को बोलने का अवसर नहीं मिल पाता। मोदी ने नए सांसदों की ऊर्जा और विचारों को भी दबाने पर चिंता जताई, जो संसद में बदलाव लाने की इच्छा रखते हैं। इस हंगामे पर नियंत्रण लगाया जाना चाहिए, ताकि संसद की कार्यवाही सही तरीके से चल सके।
एमएम राजावतराज, शाजापुर
सरकार सख्ती से निपटे
उत्तर प्रदेश में कोर्ट के आदेश पर मस्जिद पर सर्वे करने गई टीम पर हमला हुआ, जिसके बाद सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे और दंगा किया। संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया और पुलिस पर हमला किया। विपक्षी नेता ने दंगा प्रभावित क्षेत्र में जाने की कोशिश की और शांति का संदेश देने के बजाय तनाव बढ़ाया। दंगाइयों के पास हथियार और पत्थर थे, जिससे स्पष्ट है कि यह पूरी तरह से सुनियोजित था। सरकार को ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटना चाहिए।
विभूति बुपक्या, खाचरोद, म.प्र.