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मणिपुर संकट
बीस नवंबर के दैनिक ट्रिब्यून का ‘मणिपुर के रिसते ज़ख्म’ संपादकीय में मणिपुर में चल रही हिंसा और उसके कारणों पर प्रकाश डाला गया है। डेढ़ साल से भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार के बावजूद हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। यह विवाद मैतेई समुदाय को आरक्षण देने की मांग और कुकी नागा समुदाय के विरोध से शुरू हुआ। हैरानी की बात यह है कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को पद से नहीं हटाया गया, जबकि राज्य में अवैध प्रवास, तस्करी और नशे का कारोबार बढ़ा है। संपादकीय में चेतावनी दी गई है कि मणिपुर और आसपास के क्षेत्र में हालात बिगड़ सकते हैं।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
हॉकी की चमक
भारत की महिला हॉकी टीम ने कप्तान सलीमा टेटे की अगुवाई में एशियन हॉकी चैंपियनशिप में ऐतिहासिक जीत हासिल की। बिहार के राजगीर में खेले गए इस टूर्नामेंट में भारत ने चीन को 1-0 से हराकर खिताब जीता। सेमीफाइनल में भारत ने जापान को 2-0 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। दीपिका कुमारी ने टूर्नामेंट में 11 गोल दागे और फाइनल में भी एकमात्र गोल करके भारत की विजय सुनिश्चित की। भारत की महिला हॉकी टीम ने अपनी शानदार प्रदर्शन से देश का नाम रोशन किया।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
गंगा के प्रति जवाबदेही
हमारी स्वार्थी प्रवृत्तियां कुदरत के अनमोल तोहफों, जैसे नदियों को भी दूषित करने से भी परहेज नहीं करती। हाल ही में गंगा के दूषित होने की खबरें सामने आई हैं, खासकर उत्तर प्रदेश में सीवरेज का गंदा पानी गंगा में बहाया जा रहा है, जो शर्मनाक है। गंगा की सफाई के लिए सरकार ने ‘नमामि गंगे’ योजना शुरू की थी, लेकिन यह तभी सफल हो सकती है जब हम इसे साफ रखने का संकल्प लें। नदियों की सफाई न केवल हमारी संस्कृति की पहचान, बल्कि देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए भी जरूरी है।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर