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सिटी ब्यूटीफुल की नई चुनौती
चंडीगढ़, जो तीन प्रदेशों की राजधानी और अपनी हरियाली तथा सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, अब प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। संपादकीय ‘चंडीगढ़ की कसक’ में यह चिंता व्यक्त की गई है कि यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच गया है, जो दिल्ली जैसे प्रदूषित शहरों के बराबर है। इसके मुख्य कारण आसपास जल रही पराली, बढ़ती आबादी, अधिक वाहन और अंधाधुंध निर्माण कार्य हैं। इसके अतिरिक्त, समय के साथ-साथ बहुत कुछ ऐसा बदला जरूर है जो इस शहर की आबोहवा में दखल देता है। अगर समय रहते इस प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो चंडीगढ़ की स्थिति दिल्ली से भी बदतर हो सकती है।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन
लापरवाही के हादसे
बीते सोमवार जालंधर में एक ओवरलोड ट्रक के कारण एक भयानक सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई और कुछ घायल हो गए। ओवरलोड और ओवरस्पीड हमेशा दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। वर्ष 2022 में हुए सड़क हादसों में लगभग 1 लाख मौतें और 4 लाख से अधिक घायल हुए। हालांकि, यातायात नियमों का उल्लंघन और प्रशासन की लापरवाही इस समस्या को बढ़ा रहे हैं। सड़क सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक होना चाहिए, और प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
अनियंत्रित गति
सड़कों पर होने वाले हादसों का एक मुख्य कारण ओवर स्पीडिंग है। जगह-जगह स्पीड ब्रेकर लगाए जाते हैं ताकि वाहनों की स्पीड कम रहे पर वाहन चालक इन्हें भी अनदेखा करते हैं। ओवर स्पीडिंग न केवल दूसरे वाहनों के लिए खतरा है बल्कि पैदल चलने वाले और सड़क किनारे सामान बेचने वालों के लिए भी। क्या सारी जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की ही है? इसके साथ, ट्रैफिक व सामान्य पुलिस को सतर्क करने तथा यात्रियों को जागरूक करने की भी जरूरत है।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली