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बढ़ता प्रदूषण
दिल्ली और अन्य शहरों में बढ़ता प्रदूषण और बदलती मौसम की स्थिति बेहतर संकेत तो नहीं दे रहे हैं। प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए विकास को पर्यावरण के अनुकूल बनाना जरूरी है। शुद्ध जल और ऑक्सीजन जैसे जीवनदायिनी संसाधन अब व्यापार का हिस्सा बन रहे हैं। कंक्रीट के जंगल, पेड़-पौधों की कमी व अंधाधुंध विकास प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। सरकार, समाज और पर्यावरणविदों को मिलकर प्रदूषण के कारणों और समाधानों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। ‘जल, जंगल, जमीन’ बचाने की दिशा में तत्काल कार्रवाई जरूरी है, ताकि भविष्य में प्रदूषण कम हो सके और आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ जीवन मिल सके।
शकुंतला महेश, नेनावा, इंदौर, म.प्र.
सिटी ब्यूटीफुल की चुनौती
चंडीगढ़, जिसे सिटी ब्यूटीफुल कहा जाता है, में एक्यूआई 400 के पार जाना चिंता का विषय बन गया है। चंडीगढ़ के लोग सफाई और हरियाली को लेकर जागरूक हैं, और यहां की सुखना लेक वातावरण को स्वच्छ रखने में मदद करती है। फिर भी, बढ़ती कारों की संख्या, पार्किंग समस्या, बढ़ती आबादी, अधिक एसी और फ्रिज का उपयोग, तथा पड़ोसी राज्यों से पराली का धुआं प्रदूषण का कारण बन रहे हैं। चंडीगढ़ की सुंदरता और स्वच्छता बनाए रखने के लिए इन समस्याओं का समाधान जरूरी है, ताकि यह शहर अपनी पहचान और स्वस्थ पर्यावरण बनाए रख सके।
शामलाल कौशल, रोहतक
वैश्विक समस्याएं
ब्राजील में शुरू हुआ जी-20 शिखर सम्मेलन वैश्विक समस्याओं जैसे गरीबी, भुखमरी, पर्यावरण, ग्लोबल वार्मिंग और आतंकवाद पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इन समस्याओं का मुख्य कारण बढ़ती जनसंख्या है, और इससे निपटने के लिए देशों को मिलकर काम करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 के जी-20 सम्मेलन में भारत की संस्कृति को प्रस्तुत किया और छोटे देशों को भी मंच पर लाकर उनके महत्व को रेखांकित किया। सभी देशों को अपने स्वार्थ और अहंकार को त्यागकर एकजुट होकर व्यापार बढ़ाने और बेरोजगारी जैसे मुद्दों का समाधान ढूंढ़ना चाहिए।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर