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06:39 AM Nov 09, 2024 IST
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जागरूकता जरूरी

दो नवंबर के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘जिम्मेदारी का करें अहसास’ का संदेश है कि दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर जन जागरण आवश्यक है। विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में प्रदूषण के विषय को शामिल करना, विधायकों द्वारा किसानों की सहायता, अधिक पौधारोपण, सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग, और जल संसाधनों का संरक्षण महत्वपूर्ण कदम हैं। दिवाली के बाद पटाखों के उपयोग से हवा में प्रदूषण बढ़ गया, जिससे सांस लेना कठिन हो गया। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के अनुरूप ठोस बदलाव की आवश्यकता है। सरकारी प्रयासों के साथ-साथ जन जागरूकता भी जरूरी है।
शामलाल कौशल, रोहतक

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इस जीत के निहितार्थ

संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए डोनाल्ड ट्रम्प का चुनाव एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। यह कमला हैरिस की डेमोक्रेटिक पार्टी के सबसे बड़े समर्थक और प्रमुख सहयोगी जॉर्ज सोरोस के लिए करारा झटका साबित हुआ है। सोरोस, जो भारत सहित दुनिया भर के प्रभुत्व सम्पन्न देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की कोशिश करते रहे हैं, अब उनके प्रयासों को एक धक्का लगा है। भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों और मतदाताओं ने भी इन षड्यंत्रों को भली-भांति समझा और उनका विरोध किया।
मुमुक्षु के. ठाकुर, मतियारा, चम्बा

पराली पर कारगर नीति

सुप्रीम कोर्ट ने अनियंत्रित प्रदूषण पर कड़ा रुख अपनाते हुए पराली जलाने पर जुर्माना राशि 15,000 से बढ़ाकर 30,000 कर दी है। राज्य सरकारों की सख्ती के बावजूद समस्या बनी हुई है। इस संदर्भ में केंद्र और राज्य सरकारों को कारगर नीति बनानी चाहिए, ताकि पराली जलाने की आवश्यकता न पड़े। वैकल्पिक उपायों पर काम करना आवश्यक है। पराली के सदुपयोग के लिए ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सकता है, और जनता से सुझाव भी मांगे जा सकते हैं।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली

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