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मानवीय त्रासदी
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की रिपोर्ट के अनुसार, रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते यूक्रेन की जनसंख्या एक-तिहाई तक घट गई है। युद्ध में भारी संख्या में लोग मारे गए और जन्म दर सबसे कम हो गई, प्रति महिला केवल एक बच्चा। लाखों लोग बेघर हैं, और युवा देश छोड़ रहे हैं। जबकि रूस भी इससे प्रभावित हुआ है। दरअसल, युद्ध महाशक्तियों के लिए अस्त्र-शस्त्र परीक्षण का अवसर बन गया है, जिससे विश्व में संघर्ष जारी है। संयुक्त राष्ट्र भी इन महाशक्तियों के आगे मूकदर्शक बनकर रह गया है।
विमलेश पगारिया, बदनावर, म.प्र.
विश्वयुद्ध का खतरा
दो साल से रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अमेरिका और नाटो देशों ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ मदद प्रदान की है, जिससे यूक्रेन को भारी तबाही से बचाने में सहायता मिली है। दूसरी ओर, इस्राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण, हमास इस्राइल संघर्ष भी तेज जो गया है। इस युद्ध में अमेरिका और नाटो देश इस्राइल को हर प्रकार से समर्थन दे रहे हैं। यह संघर्ष मिलकर तीसरे विश्वयुद्ध की दस्तक का संकेत दे रहा है। संयुक्त राष्ट्र जैसी वैश्विक संस्थाओं की आवाज़ अब तक इन संघर्षों के बीच अनसुनी रह गई है। यदि विश्वयुद्ध हुआ, तो निश्चित रूप से परमाणु अस्त्रों का उपयोग होने से दुनिया को बड़ा नुकसान होगा।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
बढ़ी साइबर ठगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में बढ़ते साइबर अपराध पर गहन चिंता व्यक्त की है। डिजिटल धोखाधड़ी दिनोदिन बढ़ती ही जा रहा है। वर्ष 2015 के बाद डिजिटल इंडिया की शुरुआत जिस गति से हुई उसी गति से अब डिजिटल लेनदेन में ठगी भी होने लगी है। इस धोखाधड़ी में अपराधियों तक पहुंचना भी टेढ़ी खीर है। साइबर ठगी से बचने के लिए व्यक्तिगत जागरूकता अधिक कारगर साबित होगी। हां, डिजिटल अपराधियों को सख्त सजा तो मिलनी ही चाहिए। ऑनलाइन धोखाधड़ी यदि इस तरह बढ़ती रही तो एक दिन डिजिटल इंडिया से लोगों का विश्वास भी उठ सकता है।
सुरेन्द्र सिंह, महम