For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

आपकी राय

06:40 AM Oct 24, 2024 IST
आपकी राय
Advertisement

आतंकवाद की चुनौती
घाटी में नई सरकार के सामने आतंकवाद की बड़ी चुनौती उभरी है। हाल की दो घटनाओं में आम लोगों पर हमले आतंकवादी सोच के विस्तार का संकेत हैं। पहले कश्मीरी पंडितों को लक्षित हिंसा का शिकार बनाया जाता रहा, लेकिन इस बार आतंकवाद की घटनाएं मजदूरों और कर्मचारियों पर केंद्रित रही हैं। ये हिंसा की घटनाएं केंद्र सरकार के शांति प्रयासों पर पानी फेर सकती हैं। हालांकि, एनसी सुप्रीमो फारूक अब्दुल्ला ने आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को ललकारते हुए कश्मीर के ख्वाब न देखने की फटकार लगाई है। पहले भी घाटी में भाड़े के आतंकी कहर बरपा चुके हैं, इसलिए राज्य और केंद्र सरकार को इस नासूर को शुरुआत में ही सख्ती से कुचलना होगा।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.

Advertisement

सतर्क भी रहें
भारत और चीन के बीच हाल ही में हुए समझौते के तहत दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा से अपने सैनिकों को पीछे हटाने का निर्णय लिया है। हालांकि, चीन द्वारा पिछले समझौतों का पालन नहीं करने के इतिहास को देखते हुए, भारत को इस पर सतर्क रहना चाहिए। चीन के प्रति नरम रुख अपनाने के बजाय, भारत को अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। नागरिकों को चीनी सामान की निर्भरता कम करके आर्थिक लड़ाई में योगदान देना होगा। अगर हम अनावश्यक चीनी उत्पादों का बहिष्कार करें, तो इससे चीन को बड़ा आर्थिक नुकसान होगा।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर

वैधता पर मुहर
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करते हुए बहुमत से असम समझौते की वैधता पर मुहर लगाई। हालांकि, इस फैसले का सीएए से सीधा कोई ताल्लुक नहीं है, क्योंकि सीएए प्रवासियों के लिए अपने मूल राष्ट्र में वापसी का कानून है। कुछ राज्यों ने राजनीतिक हित साधने के लिए अवैध घुसपैठियों को पनाह और नागरिकता दी है, जो देश में रहकर उसकी स्थिरता को प्रभावित कर रहे हैं।
विभूति बुपक्या, खाचरोद, म.प्र.

Advertisement

Advertisement
Advertisement