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जाकिर के मंसूबे
बारह अक्तूबर के दैनिक ट्रिब्यून में पुष्परंजन का लेख ‘ज़ाकिर के जरिये खेल करने की ताक में पाक’ पर चर्चा करने वाला था! जाकिर नाइक, एक विवादित इस्लामिक स्कॉलर, भारत और अन्य देशों में अपनी हेट स्पीच के लिए जाना जाता है। वर्ष 2016 में मलेशिया भागने के बाद, वह पाकिस्तान में 15 दिन के दौरे पर था, जहां उसकी बातें महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान हटाने का काम करती रही। उसने वहां जो महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणियां की, उससे पाकिस्तान में विरोध बढ़ रहा है। मलेशिया की सरकार ने उसे कई बार गिरफ्तार किया, लेकिन धार्मिक प्रभाव के कारण वह बच जाता है।
शामलाल कौशल, रोहतक
सेहत का मंत्र
आजकल छोटी-छोटी बीमारियों के चलते गोलियों का सेवन आम हो गया है। लोग अक्सर अपने अनुभव और सोच के आधार पर इलाज करते हैं। ऐसे में एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक और निरंतर सेवन चिंताजनक है। रिपोर्टों से पता चला है कि शरीर में रोगाणु एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधी क्षमता विकसित कर रहे हैं, जिससे इनका असर कम होता जा रहा है। अधिकतर बीमारियों का कारण अनियमित दिनचर्या है, जो सुविधाभोगी लोगों में अधिक देखने को मिलती है। नियमित व्यायाम और शारीरिक श्रम को नकारने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.
अमानवीय कृत्य
केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों के अथक प्रयास के बावजूद सीवर में सफाई कर्मचारी की मौत गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। देश की राजधानी के सरोजनी नगर इलाके में दो सफाई कर्मचारियों की मृत्यु ने सरकार की कार्यप्रणाली की पोल खोल दी है। विभिन्न राज्यों में सीवर में क़रीब 70 मौतें हर वर्ष दर्ज की जाती हैं। इन सफाई कर्मचारियों को मुआवजा राशि भी आसानी से प्राप्त नहीं होती है। ठेकेदारों द्वारा सफाई कर्मचारियों को पर्याप्त उपकरण और सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाये जाते हैं। मानवीय पहलू को देखा जाए तो यह बहुत बड़ी त्रासदी है कि गरीब सफाई कर्मचारियों को मजबूर किया जाता है कि वह गटर में उतरें और सफाई करें।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली