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राजनयिक गतिरोध
भारत और कनाडा वर्तमान में एक गहरे राजनयिक गतिरोध में हैं, जो कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों से उत्पन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल हो सकता है। भारत ने इन आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें ‘बेतुका’ बताया है। इस बीच, भारत ने अपने राजनयिक वापस बुलाये हैं और कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित किया है। कुछ वीजा तथा व्यापार सेवाओं को निलंबित किया है, जिससे तनाव और बढ़ गया है। इस स्थिति ने दोनों देशों के बीच के रिश्तों में खटास डाल दी है। खासकर कनाडा में बड़े पैमाने पर रहने वाले भारतीय प्रवासी समुदाय पर इसका प्रभाव पड़ा है।
नीति मल्होत्रा, चंडीगढ़
भूख की चुनौती
सोलह अक्तूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन की स्थापना की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भुखमरी से निपटना है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट 2024 में यह बताया गया है कि हमारे देश की रैंकिंग में कुछ सुधार हुआ है। लेकिन फिर भी चिंता का विषय है कि देश गंभीर भूख समस्याओं के देशों में शामिल है। अक्सर देखा गया है कि देश में खाने की बहुत बर्बादी होती है। दूसरी तरफ भूखे पेट सोने वाले गरीब लोगों का आंकड़ा कोई कम नहीं है। सरकार को विश्व खाद्य दिवस पर प्राथमिक तौर पर अभियान गंभीरता से चलाने चाहिए। शिक्षा संस्थानों में इसके लिए सेमिनार किए जाने चाहिए।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
प्रशासन की जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश के बहराइच में एक युवक की मृत्यु के बाद पूरा शहर छावनी में तब्दील हो गया है। देश के कई राज्यों में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां मूर्ति विसर्जन या अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान सामाजिक सद्भावना का ताना-बाना बिखर जाता है। पुलिस की चूक, असावधानी और निगरानी की कमी बड़ी घटनाओं का कारण बन सकती है, जैसा कि बहराइच में देखने को मिला है। शासन और प्रशासन को जिम्मेदारी लेनी होगी और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए जनता को मिलकर माहौल को शांत करना होगा।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली