मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

आपकी राय

06:49 AM Oct 15, 2024 IST

कठोर कार्रवाई हो
कभी किसान, कभी राजनीतिक दल तथा कभी अन्य कोई तथाकथित धार्मिक नेता अपनी मांगें मनवाने के लिए सड़क मार्ग रोकते हैं। बहुत बार संख्या बल के सहारे रेल मार्ग रोक लेते हैं। शंभू बार्डर एक वर्ष से ज्यादा समय से रुका हुआ है। जनता किधर जाए? कानून तो है, रेल मार्ग रोकने वालों को तो सात वर्ष तक के दंड का प्रावधान है, पर दंड देगा कौन? नवरात्रों के दिनों में ही दो बार किसानों ने रेल ट्रैक रोका, सड़क मार्ग रोका। त्योहारों के दिनों में घर-परिवार, उत्सव, मंगल कार्य आदि के लिए जाने वाले परेशान हुए। सड़कों और रेल मार्गों को रोकने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
लक्ष्मीकांता चावला, अमृतसर

Advertisement

अन्याय का प्रतिकार
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार हाल के वर्षों में बढ़ गये हैं, खासकर शेख हसीना सरकार के हटने के बाद। हिंदू आबादी में कमी का प्रमुख कारण हत्या, अपहरण और धर्म परिवर्तन जैसे अत्याचार हैं। सवाल यह है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और हत्याओं के मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और वैश्विक संगठनों की बैठकों में क्यों नहीं उठाया जा रहा है? बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और नरसंहार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
संजय वर्मा, धार, म.प्र.

बेकाबू महंगाई
बारह अक्तूबर के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘महंगाई की फिक्र’ देश में विभिन्न वस्तुओं तथा सेवाओं की आसमान छूती कीमतों को नियंत्रित करने के प्रयत्नों का वर्णन करने वाला था। भारत में लगातार कीमतें बढ़ रही हैं जबकि आरबीआई रेपो रेट को वर्तमान दर पर स्थिर रखकर कीमतों को बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रहा है। सब्जियां, दालें, मकान के किराए, चिकित्सा, शिक्षा इतनी महंगी हो गयी है कि आमजन के लिए जीवनयापन कठिन हो रहा है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल

Advertisement

Advertisement