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सोच भी बदले
यौन अपराधों पर प्रभावी रोकथाम के लिए केवल कठोर कानूनों की आवश्यकता नहीं है, बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव भी आवश्यक है। परिवार, स्कूल और सामाजिक आयोजनों में नैतिक शिक्षा और संस्कारों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए जूडो, कराटे आदि जैसे कौशल सिखाने से उन्हें सुरक्षा का आत्मविश्वास मिलता है। बेटियों के साथ छेड़खानी और यौन हिंसा की घटनाओं के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं। माता-पिता और नजदीकी पुलिस स्टेशन को ऐसी घटनाओं की जानकारी देना जरूरी है।
संजय वर्मा, मनावर, म.प्र.
किसान आंदोलन
बृहस्पतिवार को किसानों ने दो घंटे के लिए रेल यातायात को रोककर अपने कृषि समुदाय के मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित किया। यह विरोध केवल एक असुविधा नहीं है; यह उन चुनौतियों की स्वीकृति के लिए एक गंभीर अपील है, जिनका हम सामना कर रहे हैं। किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। हमें ऐसी निष्पक्ष नीतियों का समर्थन करना चाहिए जो स्थायी कृषि को बढ़ावा दें और हमारे ग्रामीण समुदायों की रक्षा करें। हम कृषि के भविष्य के बारे में सार्थक संवाद करें और सुनिश्चित करें कि हमारे किसानों को वह दाम मिले जिसके वे हकदार हैं।
मुस्कान, चंडीगढ़
सपनों का छल
एक अक्तूबर के दैनिक ट्रिब्यून के संपादकीय ‘साइबर गुलामी’ में शातिर एजेंटों और दलालों के माध्यम से आईटी में दक्ष युवाओं को धोखे से विदेशों में साइबर अपराधों में फंसाने का गंभीर मुद्दा उठाया गया है। एजेंट लाखों रुपए लेकर इन युवाओं को कॉल सेंटरों में नियुक्त करते हैं। लेकिन असलियत यह है कि वे साइबर अपराधियों के जाल में फंस जाते हैं। कई युवा तो वापस अपने देश नहीं आ पाते। इस संदर्भ में, भारत सरकार का प्रयास सराहनीय है, जो विदेशों में फंसे युवाओं को मुक्त कराने के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत करने में जुटी है।
शामलाल कौशल, रोहतक