For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

ट्रंप की जीत के मायने

05:48 AM Nov 25, 2024 IST
ट्रंप की जीत के मायने
Advertisement

स्थिरता की चुनौती

विश्व राजनीति को प्रभावित करने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद सभी देशों की निगाह उनकी संभावित नई टीम पर है। हालांकि, ट्रंप का यह दूसरा कार्यकाल पहले जैसा नहीं होगा। पिछले कार्यकाल के बाद दुनिया बदली है, हो सकता है ट्रंप भारत के प्रति मित्रवत रहे लेकिन हमारा देश उनकी प्राथमिकता नहीं है। बेहतर रहेगा कि कुछ समय धैर्य रखें। ट्रंप का पहला काम घरेलू स्तर पर स्थिरता सुनिश्चित करना और अपने समर्थकों, खासकर कामकाजी वर्ग को आश्वासन देना होगा। हालांकि, बेरोजगारी ट्रंप के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।
रमेश चन्द्र पुहाल, पानीपत

Advertisement

विसंगतियों के ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप की वापसी से अमेरिका वासियों में राष्ट्रवाद की भावनाओं की तीव्रता उमड़ रही है। उदारवादी मीडिया ने उनकी जीत को एक प्रलयकारी परिदृश्य के रूप में चित्रित किया, जबकि ट्रंप समर्थक मीडिया ने उन्हें एक योद्धा के रूप में पेश किया। ट्रंप का कद बढ़ते ध्रुवीकरण के कारण मध्य वर्ग को हाशिए पर डालने का कारण बना। हालांकि, ट्रंप ने रोजगार बढ़ाने का वादा किया, और अमेरिकी लोकतंत्र में लोग ऐसे नेताओं को चुनते हैं, जो अराजकता का सरलीकरण करने में सक्षम हों। ट्रंप सत्ता की प्रकृति को बखूबी समझते हैं।
जयभगवान भारद्वाज, नाहड़, रेवाड़ी

भारत के लिए लाभकारी

डोनाल्ड ट्रंप के पुनः राष्ट्रपति बनने से भारत के लिए सकारात्मक रूप देखा जा रहा है। ट्रंप का व्यापारिक रुख कड़ा होने के बावजूद, भारत के हितों के लिए यह लाभकारी साबित होगा। अमेरिका और यूरोप की कंपनियां चीन से कारोबार समेटकर भारत आ सकती हैं, जिससे भारत का मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र मजबूत होगा और रोजगार में वृद्धि होगी। ट्रंप का रूस के प्रति नरम रवैया भारत-रूस संबंधों को सुदृढ़ करेगा, और रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने का वादा किया है। इसके अलावा, अमेरिका से सैन्य सहायता और तकनीकी सहयोग जारी रहेगा, जैसा कि ट्रंप के पहले कार्यकाल में था।
भगवानदास छारिया, इंदौर, म.प्र.

Advertisement

अमेरिका फर्स्ट की नीति

संगीन आरोपों और जानलेवा हमले झेलने के बावजूद डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने बढ़ती महंगाई, अवैध शरणार्थी समस्या और कारोबार को चुनावी मुद्दा बनाया। श्वेत राष्ट्रीयता और ‘अमेरिका फर्स्ट’ की वकालत करते हुए उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया। ट्रंप ने विश्व में छिड़े युद्धों को रोकने की बात भी की। वहीं, कमला हैरिस के लिए गिरती अर्थव्यवस्था और जनसरोकारों पर अस्पष्टता ने उनकी राह को कठिन बना दिया। अब ट्रंप पर अमेरिकी हितों को मजबूत करते हुए वैश्विक राजनीति में प्रभावी भूमिका निभाने का दबाव रहेगा।
देवी दयाल दिसोदिया, फरीदाबाद

विश्व शांति की संभावनाएं

ट्रंप का दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति चुना जाना अपने आप में ऐतिहासिक है। चुनाव जीतने का मतलब है कि वह जनता में अधिक लोकप्रिय हैं। जब ट्रंप पहली बार राष्ट्रपति बने थे, तो भारत के साथ रिश्तों में प्रगाढ़ता आई थी, और ट्रंप भारत को काफी महत्व देते थे। वर्तमान में दुनिया में कई चुनौतियां हैं, और यह देखना होगा कि ट्रंप की भूमिका इन समस्याओं के समाधान में क्या होती है। अमेरिका एक शक्तिशाली देश है और ट्रंप एक अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं, उनकी भूमिका विश्व शांति के लिए महत्वपूर्ण होनी चाहिए।
सत्यप्रकाश गुप्ता, बलेवा, रेवाड़ी

पुरस्कृत पत्र
ज्यादा उम्मीद नहीं

डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल की नीतियों और इस चुनावी प्रचार अभियान को देखते हुए भारत के लिए खुश होने का कोई ठोस आधार नहीं है। ‘अमेरिका फर्स्ट’ और ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ के नारे से लगता है कि ट्रंप वैश्विक मामलों में शेष दुनिया को कम महत्व देंगे। वीजा नियमों में कठोरता और आयात पर शुल्क बढ़ाने की नीति से भारत को कठिनाई हो सकती है, जबकि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध की संभावना बढ़ेगी। हालांकि, ट्रंप का मानवाधिकार मुद्दे पर मौन रहना भारत के लिए संतोषजनक हो सकता है। ट्रंप के रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के वादे से विश्व शांति की उम्मीद जगाई जा रही है।
ईश्वर चन्द गर्ग, कैथल

Advertisement
Advertisement