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तेल की कीमतें
सत्रह सितंबर के दैनिक ट्रिब्यून में सुषमा रामचंद्रन के लेख के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें हाल के दिनों में 72 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई हैं, लेकिन भारत की सरकार ने उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं दी। लेख में बताया गया है कि जब भी तेल की कीमतें बढ़ती हैं, उपभोक्ताओं से वसूली की जाती है, लेकिन गिरावट पर कोई कटौती नहीं की जाती। हालांकि इस्राइल-हमास और रूस-यूक्रेन युद्ध जारी हैं, फिर भी तेल की आपूर्ति में कमी नहीं आई है। भारत, रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है। फिर भी, सरकार को चुनाव से पहले दी गई राहत के बावजूद, वर्तमान स्थिति को देखते हुए पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों में कमी करके उपभोक्ताओं को राहत देनी चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक
रेलवे सुरक्षा की फिक्र
देशभर में रेल पटरियों पर रुकावटें डालकर बड़े षड्यंत्र को अंजाम देने की कोशिशें हो रही हैं। सिलेंडर, लकड़ी, लोहे की छड़ें और सीमेंट ब्लॉक रखकर दुर्घटनाएं करने के प्रयास चिंताजनक हैं। कई बार लोको पायलट की सूझबूझ से अनहोनी टल गई है, लेकिन यह गंभीर चिंता का विषय है। एनआईए जांच कर रही है, पर रेलवे विभाग को सतर्क रहना होगा, खासकर सुनसान और जंगलों से गुजरने वाली पटरियों पर। आम नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वे भी सुरक्षा के प्रति सजग रहें, क्योंकि जरा-सी अनदेखी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.
हॉकी में चमक
हमारी हॉकी टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार जीत हासिल की है। यह हमारी पांचवीं जीत है। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर यह उपलब्धि खास है। देश ने खेलों में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। सरकार को चाहिए कि प्राइमरी स्कूलों से लेकर कॉलेजों तक खेलों को अनिवार्य बनाएं और पाठ्यक्रम में शामिल करें। खिलाड़ियों को पहचानने और प्रशिक्षित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को अधिक ध्यान देना चाहिए।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर