आपकी राय
साजिश और सुरक्षा
ग्यारह सितंबर के दैनिक ट्रिब्यून के संपादकीय ‘पटरी से उतरती रेल’ में भारतीय रेलवे की बढ़ती दुर्घटनाओं का जिक्र किया गया है। भारतीय रेल नेटवर्क विश्व का चौथा बड़ा नेटवर्क है, जिसमें 12-15 लाख कर्मचारी काम करते हैं। बावजूद इसके, लगातार हो रही दुर्घटनाएं मानवीय चूक और संदिग्धों की साज़िश को दर्शाती हैं। हाल ही में प्रयागराज-भिवानी कलंदी एक्सप्रेस के एलपीजी सिलेंडर से टकराने से बड़ा हादसा टल गया और कानपुर के नजदीक साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए। ऐसी घटनाओं में पाक प्रशिक्षित आतंकवादी तत्वों की संलिप्तता का संदेह है। सरकार को रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए कठोर और प्रभावी उपाय अपनाने की आवश्यकता है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
बराबर सम्मान मिले
पेरिस पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन कर, 29 मेडल जीतकर 18वां स्थान प्राप्त किया। प्रधानमंत्री ने उनकी सराहना की है, लेकिन इन खिलाड़ियों को ओलंपिक खिलाड़ियों की तरह उचित प्रोत्साहन राशि नहीं मिल रही है। केंद्र और राज्य सरकारों को इनकी उपलब्धियों की सराहना करते हुए प्रोत्साहन राशि बढ़ानी चाहिए, ताकि वे विश्वस्तर पर भारत का नाम रोशन कर सकें।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
विवाद के मंसूबे
निर्माता-निर्देशक अनुभव सिन्हा की वेब सीरीज़ आईसी-814 पर विवाद उठ गया है। इसमें 1999 के विमान हाईजैक में शामिल आतंकियों के नाम हिंदू देवताओं पर रखे गए हैं, जिसे लेकर व्यापक आलोचना हो रही है। भारत सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए तीन आतंकियों को छोड़ा था, जिसका भारतीयों को अब भी दुख है। हिंदू नामों पर विवाद का मुद्दा संवेदनशील है, और नामों में बदलाव से विवाद टाला जा सकता था।
एमएम राजावतराज, शाजापुर