मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

आपकी राय

06:56 AM Sep 06, 2024 IST

प्लास्टिक का दैत्य
अब तक प्लास्टिक के मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जितना जाना गया था, उससे कई गुना ज्यादा घातक सिद्ध हो रहा है। माइक्रोप्लास्टिक के रूप में यह प्लास्टिक हमारे शरीर के एक-एक अंग में और रग-रग में प्रवेश कर चुका है। प्रकृति में भी पांचों तत्वों में प्लास्टिक घुल चुका है—अब न तो पानी सुरक्षित है, न हवा और न ही वातावरण। सुविधाओं के चलते हमने प्लास्टिक के रूप में एक दैत्य को जीवित कर दिया है, जो धीरे-धीरे हमें ही निगलता जा रहा है। इतना सब होने के बावजूद भी प्लास्टिक का प्रयोग बदस्तूर जारी है, बल्कि और बढ़ता ही जा रहा है। हर व्यक्ति को खुद ही आगे आना होगा।
विभूति बुपक्या, खाचरोद, म‍.प्र.

Advertisement

सार्थक पहल
केंद्र सरकार ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए एक नई इंटर्नशिप योजना शुरू की है। जिसमें लगभग 500 बड़ी कंपनियों को शामिल किया जाएगा। इस योजना के तहत, विद्यार्थियों को करिअर निर्माण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। उन्हें कंपनियों में काम सीखने का मौका मिलेगा। हालांकि, योजना की सफलता कंपनियों के सही अमल पर निर्भर करेगी। साथ ही, सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि गांवों के गरीब युवाओं को इस योजना का लाभ मिल सके।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर

सच्चे मार्गदर्शक
जीवन पथ पर आगे बढ़ने का मार्ग दिखाते/ अच्छे-बुरे, सच-झूठ का फर्क समझाते/ वे ही सच्चे शिक्षक कहलाते।
ज्ञान की सच्ची शिक्षा दे सफलता तक पहुंचाते/ सच्चाई की राह पर चलना और मानवता का पाठ पढ़ाते/ वे ही सच्चे शिक्षक कहलाते।
कभी डांट से, कभी प्यार से जीवन के मूल्य सिखाते/ हिम्मत और हौसला देकर सबका विश्वास जगाते/ वे ही सच्चे शिक्षक कहलाते।
माता-पिता सा प्यार देकर मिल-जुलकर रहना सिखाते/ आई कोई मुश्किल, वो मार्गदर्शन बन जाते/ वे ही सच्चे शिक्षक कहलाते।
सुमन दत्ता सूद, पंचकूला

Advertisement

Advertisement