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न्यायिक सुधार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश की न्यायपालिका में सुधार की जरूरत बतायी। उन्होंने जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन कार्यक्रम में कहा कि देश में गरीब और मध्यवर्गीय लोग अदालतों के पास न्याय मांगने बहुत ही कम जाते हैं। उन्होंने चिंता जताई कि बलात्कार जैसे केस भी अदालतों में लंबे समय तक चलते हैं, जिससे आम आदमी को महसूस होता है कि न्यायिक प्रक्रिया में संवेदनशीलता की कमी है।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
आर्थिक वृद्धि के अवरोध
भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार दुनिया को हैरान कर रही है। फिर भी, चीन के साथ मुकाबला करना अभी भी चुनौतीपूर्ण है। यह चुनौती इसलिए नहीं है कि भारत में क्षमता की कमी है, बल्कि इसलिए है कि विपक्ष की ओर से सरकार के काम में अड़चन डालने की प्रवृत्ति काफी बढ़ गई है। यदि राजनीति को केवल चुनाव तक सीमित रखा जाए और बाकी समय में सभी दल सरकार को सहयोग दें और उचित सुझाव दें, तो देश के विकास की गति तेज हो सकती है।
विभूति बुपक्या, खाचरोद, म.प्र.
आईसीसी में भारत
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के राष्ट्रीय सचिव जय शाह को आईसीसी का निर्विरोध अध्यक्ष और सीईओ चुने जाने पर भारतीय क्रिकेट जगत की उपलब्धि है। भारत के क्रिकेट परिदृश्य में एक नई शुरुआत को दर्शाती है। इस नियुक्ति से भारत का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में दबदबा बढ़ेगा।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
आम आदमी परेशान
किसानों के धरना प्रदर्शन के कारण चंडीगढ़ में ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई है, जिससे जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार धरनों और प्रदर्शनों पर रोक लगाने में असफल रही है। उच्च पदाधिकारियों को चाहिए कि वे एक आम नागरिक की तरह शहर में घूमकर इन प्रदर्शनों से होने वाली ट्रैफिक समस्याओं का अनुभव करें और इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाएं।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली