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दूध की गुणवत्ता
बाईस अगस्त के दैनिक ट्रिब्यून में संपादकीय ‘दूध की सुध’ में उल्लेख किया गया है कि देश में दूध का उत्पादन पशुधन की संख्या के मुकाबले कम हो रहा है, जबकि दूध की खपत और बिक्री बढ़ रही है। इससे स्पष्ट होता है कि दूध में रासायनिक पदार्थ मिलाकर उसकी मात्रा बढ़ाई जा रही है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। हालांकि सरकार मिलावटी दूध के विक्रेताओं पर नियंत्रण रखने की कोशिश कर रही है, लेकिन अक्सर उत्पादक और विक्रेता बच जाते हैं। इसलिए, उपभोक्ताओं को खुद ही सजग रहना होगा। दूध एक ऐसी प्राकृतिक दवाई है जो न केवल स्वास्थ्य को बनाए रखती है, बल्कि कई बीमारियों का उपचार भी करती है।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन
हृदयस्पर्शी अहसास
पच्चीस अगस्त के दैनिक ट्रिब्यून अध्ययन कक्ष अंक में सरस्वती रमेश की कहानी ‘अम्मा के होने का अहसास’ मनभावन रही। इस कहानी में कथानायक शेखर और मीनू की फल बेचने वाली अम्मा के प्रति आदर, सम्मान, सेवा और स्नेह की भावना को अच्छे संस्कारों की मिसाल के रूप में प्रस्तुत किया गया है। अम्मा द्वारा मीनू को दिए गए घर-गृहस्थी के नुस्खे जीवन उपयोगी साबित हुए हैं। आज के युवाओं में माता-पिता के प्रति सत्कार तो दूर, उन्हें समय देने की भी कमी है। अम्मा की विदाई से कहानी का भाव पक्ष स्नेहिल और सहानुभूतिपूर्ण बन गया है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
विवाह की उम्र
हि.प्र. देश का पहला राज्य बन गया है जहां लड़कियों की न्यूनतम विवाह आयु 21 वर्ष कर दी गई है। यह बिल विधानसभा में पारित हो चुका है और राज्यपाल की सहमति की प्रतीक्षा है। यह कदम लड़कियों को उच्च शिक्षा और लैंगिक समानता के अवसर देने के उद्देश्य से उठाया गया है। सरकार का यह निर्णय लड़कियों को जल्दी शादी से रोकने और उनकी सेहत के प्रति चिंता व्यक्त करता है। कई जगहों पर संकीर्ण मानसिकता के चलते लड़कियों की जल्दी शादी कर दी जाती है, जो उनके करिअर के सपनों के खिलाफ होता है।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर