For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

आपकी राय

08:16 AM Aug 30, 2024 IST
आपकी राय

भ्रामक चकाचौंध

सत्ताईस अगस्त के दैनिक ट्रिब्यून में ‘पश्चिमी देशों की चमक का स्याह सच’ लेख में भारत डोगरा ने बताया कि विदेशों की चकाचौंध में फंसकर भारतीय युवा रोजगार के लिए कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड आदि देशों में जाते हैं, लेकिन वहां कई बार उन्हें निम्न स्तर के काम करने पड़ते हैं। उन्होंने अमेरिकी स्थिति का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 50 प्रतिशत लोगों के पास कुल संपत्ति का सिर्फ 2 प्रतिशत है, और बहुत बड़ा बजट सैनिक कार्यों में खर्च होता है। अमेरिका में 40 प्रतिशत लोग आर्थिक मुश्किलों का सामना करते हैं, और 50 प्रतिशत विवाह तलाक में समाप्त होते हैं। इसलिए, विदेश जाने से पहले वहां की वास्तविकता जानना महत्वपूर्ण है। युवाओं को अपने देश में ही नौकरी या स्वरोजगार पर ध्यान देना चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक

Advertisement

संकट और समाधान

आवारा कुत्तों द्वारा हमलों की घटनाएं बढ़ रही हैं। सुबह टहलने या रात में अकेले चलने पर कुत्ते पीछा कर राहगीरों को घायल कर देते हैं, जिससे भय का माहौल बन जाता है। काटने पर रैबीज के इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है। भारत में पालतू कुत्तों की देखभाल और निगरानी पर ध्यान देने की आवश्यकता है। आवारा कुत्तों पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए और अस्पतालों में रैबीज टीकों की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
संजय वर्मा, मनावर, धार, म.प्र.

अंधविश्वास का खतरा

अठाईस अगस्त के लेख ‘तार्किक सोच ही बनाएगी एक स्वस्थ समाज’ में अंधविश्वास के बढ़ते प्रचलन की समस्या पर प्रकाश डाला गया है। आज भी लोग ढोंगी बाबाओं के चक्कर में पड़कर बलि देते हैं और बच्चियों का यौन शोषण होता है। इन बाबाओं के अनुयायी उनके खिलाफ आवाज नहीं उठाते। यदि समय रहते जागरूकता नहीं बढ़ाई गई और तार्किक सोच को अपनाया नहीं गया, तो सामाजिक पराभव निश्चित है।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली

Advertisement

Advertisement
Advertisement