For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

आपकी राय

06:51 AM Aug 29, 2024 IST
आपकी राय

कूटनीतिक संतुलन
छब्बीस अगस्त के दैनिक ट्रिब्यून के संपादकीय ‘कीव यात्रा के मायने’ में नरेंद्र मोदी की रूस और यूक्रेन की यात्राओं के उद्देश्यों पर चर्चा की गई है। अमेरिका और नाटो देश चाहते हैं कि भारत, यूक्रेन युद्ध में उनका समर्थन करे, जबकि भारत के रूस के साथ पुराने और महत्वपूर्ण संबंध हैं। भारत अपनी सामरिक आवश्यकताओं के लिए रूस पर निर्भर है और भारी मात्रा में तेल का आयात कर उसे साफ करके अन्य देशों में निर्यात करता है। इसी बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अमेरिका की यात्रा पर थे, जिससे भारत की स्वतंत्र रणनीति और कूटनीति की स्पष्टता नजर आती है। भारत युद्ध समाप्ति के पक्ष में है और युद्धरत देशों की प्रभुता का सम्मान भी करता है।
शामलाल कौशल, रोहतक

Advertisement

नैतिकता से परे नेता
एक समय भारतीय राजनीति में ऐसा भी था कि अगर किसी भी दल के मंत्री पर किसी भी प्रकार का आरोप लग जाता था तो मंत्री पहले त्यागपत्र दे दिया करते थे। आज के समय में अरविन्द केजरीवाल और ममता बनर्जी जैसे नेता हैं जो कितने भी बड़े आरोपों में घिर जाएं, पद त्यागना उनके लिए बेहद कठिन है। दिल्ली में गिरफ्तार होने के बाद भी केजरीवाल को कोई फर्क नहीं पड़ता, वहीं बंगाल में स्वास्थ्य मंत्रालय संभालने वाली ममता बनर्जी की नाक के नीचे हो रहे अपराध उन्हें दिखाई नहीं देते। समझ नहीं आता कि ऐसे नेता क्या कुर्सी तभी छोड़ेंगे, जब जनता इनके कर्मों की सजा खुद सड़क पर उतर कर देगी।
आदित्य सोनी, मनावर, धार, म.प्र‍.

राष्ट्र की सुरक्षा
उ.प्र. के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का कहना है कि हमें एकजुट रहना चाहिए, ताकि हम सभी मुसीबतों से सुरक्षित रह सकें। संगठन में शक्ति होती है और अगर हम जातियों में बंटे रहेंगे, तो हमें खतरे का सामना करना पड़ेगा। राष्ट्र की एकता से बढ़कर कुछ नहीं है। जैसे अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक एकजुट नहीं हो पाए, और इसलिए उन्हें संकट का सामना करना पड़ा। यूपी के मुख्यमंत्री का यह सुझाव महत्वपूर्ण है कि समाज को एकजुट रहकर अपनी शक्ति और संख्या बल बनाए रखना चाहिए।
मनमोहन राजावतराज, शाजापुर

Advertisement

Advertisement
Advertisement