आपकी राय
बदलावकारी योगदान
दैनिक ट्रिब्यून में पंद्रह अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सम्पादकीय पृष्ठ पर डॉ. चन्द्र त्रिखा का लेख ‘अविभाजित भारत को संवारने वाले लाहौर के नगीने’ पढ़कर लाहौर शहर को संवारने वाली विभूतियों के विषय में जानकारी मिली। इन विभूतियों में सरदार दयाल सिंह मजीठिया जी का नाम सर्वोपरि इसलिए है कि उन्होंने पत्रकारिता और शिक्षा के क्षेत्र में कुछ ठोस उपक्रम किया था। इसी शृंखला में गंगाराम का नाम आता है, जिन्हें मार्डन लाहौर का निर्माता माना जाता है। मेडिकल कॉलेज बनवाने में अपूर्ण योगदान दिया। महाराजा रणजीत सिंह के बाद पांच-छह अन्य विभूतियां ऐसी थीं जो लाहौर शहर की रूह मानी जाती थी।
जयभगवान भारद्वाज, नाहड़, रेवाड़ी
आतंक की पाठशाला
दिल्ली पुलिस ने अलवर से पकड़े गए छह आतंकियों को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है। ये आतंकवादी बंदूक चलाने की ट्रेनिंग ले रहे थे और कई देशों में आतंकी फैक्टरी चला रहे थे। पुलिस ने झारखंड, राजस्थान, और उत्तरप्रदेश में छापेमारी की और कई सुराग मिले हैं। वर्ष 2014 में शुरू हुए अलकायदा के इस संगठन में 200 लड़ाके हैं, और अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश, और म्यांमार में इसका नेटवर्क फैला हुआ है। सरकार को सुरक्षा बढ़ानी होगी।
कांतिलाल मांडोत, सूरत
सुरक्षा बलों पर हमले
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ अभियान के बावजूद स्थिति गंभीर बनी हुई है। सुरक्षा बलों के जवानों और अधिकारियों पर हमले बढ़ गए हैं, जबकि आम नागरिकों पर हमले कम हुए हैं। चुनाव के खिलाफ आतंकी हमले बढ़ा रहे हैं। अनुच्छेद 370 हटने के बाद कुछ सुधार हुए हैं, लेकिन अब लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने की आवश्यकता है। सुरक्षा बलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्रयास किए जाने चाहिए।
मनमोहन राजावतराज, शाजापुर