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आर्थिक आजादी
आजादी के बाद देश ने विभिन्न क्षेत्रों में बहुत तरक्की की है, लेकिन आर्थिक क्षेत्र में उपलब्धियां उम्मीदों के अनुरूप नहीं रही। अगर देश ने आशातीत उपलब्धियां हासिल की होती तो आज हमारे देश के सिर गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी समस्याओं का संकट न होता। देश को आने वाले समय में आर्थिक उपलब्धियों की ओर अग्रसर होना है तो इन चुनौतियों को दूर करने के लिए गंभीरता से काम करना होगा। इसके लिए आर्थिक भ्रष्टाचार रोकने, जनसंख्या वृद्धि पर लगाम कसने तथा पारदर्शी व्यवस्था बनानी होगी। तभी फिर से देश सोने की चिड़िया बन सकता है।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
न्याय की आस
कोलकाता के एक मेडिकल कालेज में महिला ट्रेनी डाक्टर की दुराचार के बाद हत्या ने सभी को उद्वेलित किया। दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस घटना के पांच-छह दिन बीत जाने के बाद भी इस केस का खुलासा नहीं कर सकी। पुलिस की विफलता से ऐसा लगता है कि अपराधियों को बचाने की कवायद हो रही है। लिहाजा कलकत्ता हाईकोर्ट ने जांच सीबीआई के हवाले करने के आदेश दिये हैं। कालेज प्रशासन भी इस पर लीपापोती करने में लगा हुआ है। कोर्ट द्वारा केस को सीबीआई के हवाले करने से न्याय की उम्मीद जगी है।
डॉ. नीरोत्तम शर्मा, लुधियाना
हमले दुर्भाग्यपूर्ण
बांग्लादेश में सैकड़ों अल्पसंख्यकों के घरों व मंदिरों में तोड़फोड़ तथा बर्बरता की जो घटनाएं घटित हुई हैं, वह बहुत बड़ी साजिश की तरफ़ इशारा कर रही है। भारतीयों पर इस तरह प्रहार बहुत से सवालों को जन्म दे रहे हैं। इसका विरोध हमें विश्व मंच पर करना चाहिए। भारत व बंगलादेश के दोस्ताना संबंध रहे हैं तो फिर इस प्रकार के हमले क्या कोई कट्टरपंथी संगठन इसे करवा रहे हैं? भारत कैसे बांग्लादेश की सत्ता पर भरोसा करेगा? इसकी भरपाई बहुत दशकों तक संभव नहीं है।
हरिहर सिंह चौहान, इंदौर, म.प्र.
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