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राजनीति अनुचित
पेरिस ओलम्पिक में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट का 100 ग्राम वजन के कारण प्रतियोगिता से बाहर होना काफ़ी दुर्भाग्यपूर्ण रहा। विनेश का बाहर होना भारत में एक नई बहस को जन्म दे गया। सोशल मीडिया पर तमाम तरह की बातें और अफवाहें उड़ रही हैं। आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। इस तरह से आरोप लगाकर हम निश्चित तौर पर अपने ही देश के खिलाफ हो रहे हैं। उन तकनीकी कारणों पर मंथन करना होगा जिनकी वजह से विनेश बाहर हुई हैं, इस तरह आरोप लगाने से किसी समस्या का कोई हल नहीं निकल सकता।
सुनील सहारण, फतेहाबाद
हिंसा पर रोक लगे
बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद जिस तरह से वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है, वह चिंताजनक है। बांग्लादेश में बड़ी संख्या में हिंदू रह रहे हैं और वहां के मंदिरों, व्यवसायों आदि को निशाना बनाया जा रहा है। जिसे नयी सरकार अब तक रोकने में नाकाम रही है। भारत सरकार को शीघ्र ही नई सरकार से संपर्क करके ऐसी घटनाओं को तत्काल रोकना चाहिए। वहीं भारतीय विपक्षी नेता बांग्लादेश की घटनाओं को लेकर जिस प्रकार अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं, वह भी अच्छा नहीं है।
विभूति बुपक्या, खाचरोद, म.प्र.
यूनुस से उम्मीदें
दस अगस्त के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘यूनुस से उम्मीदें’ उथल-पुथल के बाद शेख हसीना के भारत में शरण लेने के बाद मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार की परीक्षा शुरू हो गई है। चिंता की बात यह है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर कट्टरपंथियों के हमले जारी हैं। कट्टरपंथियों पर नकेल डालने के लिए सेना द्वारा कड़े कदम उठाने की जरूरत है। क्या अंतरिम सरकार निष्पक्ष तथा पारदर्शिता वाले संसदीय चुनाव करवा सकती है?
शामलाल कौशल, रोहतक
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