आपकी राय
असुरक्षा का दायरा
आज भारत के आसपास जितने भी देश हैं, उनमें कहीं न कहीं असुरक्षा, अराजकता, हिंसा और राजनीतिक उथल-पुथल है। बांग्लादेश में शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। वहां कोई भी वजीरे आजम ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। पाक फौज ने हमेशा हर पार्टी को नेस्तनाबूद किया। नेपाल में आज तक कोई सरकार स्थाई नहीं रही है। श्रीलंका 2022 में दिवालिया हो गई थी। आज मालदीव चीन के कहने पर काम कर रहा है। उसके राष्ट्रपति ने भारत से संबंध बिगाड़ लिए हैं। अफगानिस्तान में तालिबान ने कब्जा कर रखा है, उसके सुर भी पाक जैसे ही हैं। वहीं भारत पिछले दस वर्षों से स्थिर सरकार वाला, सक्षम, उन्नत, आर्थिक स्थिति वाला मोदी के नेतृत्व में मजबूत खड़ा है। आज भारत शांति व सुरक्षित देशों में एक है।
भगवानदास छारिया, इंदौर, म.प्र.
चिंताजनक हालत
बांग्लादेश में सत्ता पलटने के बाद प्रदर्शनकारियों का अराजक व हिंसात्मक व्यवहार और अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हमले परेशान करने वाले हैं। हिन्दुओं की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाना और उन पर हमले कहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत में पनाह देने का अंजाम तो नहीं? उम्मीद है जल्द ही बांग्लादेश में नयी सरकार के गठन से हालात सामान्य होंगे। साथ ही अल्पसंख्यक खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली
निराशाजनक फैसला
नौ अगस्त के दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित एक खबर ‘मां, कुश्ती जीत गई, मैं हार गई’ पेरिस में ओलंपिक फाइनल में मेडल से वंचित रहने के कारण विनेश फोगाट द्वारा कुश्ती को अलविदा कहना खेल प्रेमियों को निराश करने वाली थी। उनका वजन केवल 100 ग्राम ज्यादा होने की वजह से उन्हें अयोग्य घाेषित कर दिया गया। दिनेश फोगाट न केवल मेडल से चूकीं बल्कि प्रतियोगिता से भी बाहर हो गई।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल