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फिर निपाह का भय
निपाह वायरस से केरल में एक 14 वर्षीय बच्चे की दुखद मौत के बाद, सरकार को तत्काल और संवेदनशील कार्रवाई की जरूरत है। इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए सक्रिय निगरानी और सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप को महत्वपूर्ण बनाया जाना चाहिए। निपाह वायरस के लक्षणों और संचरण के जोखिम के बारे में शिक्षित करने के लिए जन जागरूकता अभियान को भी अधिक प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ-साथ, संदिग्ध मामलों के लिए तत्काल उपचार सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है। इसके लिए स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसियों के बीच सहयोग और समन्वय की जरूरत है।
नीतिका बंसल, जीरकपुर
मुफ्त की रेवड़ियां
महाराष्ट्र विधानसभा के अक्तूबर में होने वाले चुनाव के लिए मुफ्त की योजनाओं पर विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। बेरोजगार युवाओं को रोजगार भत्ता, 21 से 60 वर्ष तक की महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह दिये जाएंगे। अन्नपूर्णा योजना के तहत 3 सिलेंडर मुफ्त, किसानों को बिजली माफी कर दी गई है। इस समय महाराष्ट्र पर करीब 8 लाख करोड़ का कर्ज है लेकिन सरकार की कोई चिंता नहीं दिखती है। किसी राज्य की ढांचागत विकास योजनाओं के लिए पैसा कहां से आएगा।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
पुनर्विचार करे सरकार
नाबालिग के वाहन चलाने पर मां-बाप को जेल की सजा देना बिल्कुल अनैतिक, अव्यावहारिक और अनुचित फैसला है। अक्सर बच्चे माता-पिता से पूछे बगैर वाहन ले घर से निकल जाते हैं। कई बार बच्चे घर से दूर किसी अन्य शहर में रह रहे होते हैं या किसी दोस्त का वाहन इस्तेमाल कर लेते हैं। ऐसे में माता-पिता को कसूरवार ठहराकर जेल की सलाखों के पीछे डाल देना सही नहीं है। पंजाब सरकार को इस फैसले पर पुन: विचार करना चाहिए।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली