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शिक्षा का मकसद
सोलह जुलाई के दैनिक ट्रिब्यून में अविजित पाठक का लेख ‘शिक्षा के दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने का समय’ विषय पर चर्चा करने वाला था! लेखक ने शिक्षा प्रणाली में मानवीयता, सौंदर्य बोध, नैतिकता, आध्यात्मिकता को जोड़ने का सुझाव दिया है। वर्तमान शिक्षा प्रणाली धार्मिक कट्टरता तथा मानसिक संकीर्णता को बढ़ावा देती है। वर्तमान शिक्षा प्रणाली मुनाफाखोरी को बढ़ावा देकर आर्थिक, सामाजिक तथा राजनीतिक असमानता को बढ़ावा दे रही है। शिक्षा प्रणाली के द्वारा केवल जीडीपी में वृद्धि करना ही काफी नहीं बल्कि यह लोकतांत्रिक नागरिक बनाने में भी सहयोग दे।
शामलाल कौशल, रोहतक
मनोबल बढ़ाएं
आज के विद्यार्थियों के लिए तनाव एक समस्या बन गया है। परीक्षाओं, प्रतियोगिताओं और बेहतर प्रदर्शन के दबाव में छात्र अक्सर तनावग्रस्त रहते हैं। तनाव उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। इसी के चलते हाल ही में फरीदाबाद में 12वीं कक्षा के छात्र ने 14वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। तनाव का एक कारण माता-पिता और शिक्षकों द्वारा छात्रों पर अकादमिक प्रदर्शन के लिए दबाव भी है। जरूरी है कि माता-पिता और शिक्षक छात्रों काे तनावमुक्त करने के लिए उन्हें सकारात्मक माहौल दें। उनका मार्गदर्शन करें।
लक्ष्य, जीजेयू, हिसार
गंभीर के भरोसे
हाल ही में गौतम गंभीर को भारतीय क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया गया है जो अपने समय के एक मंजे हुए खिलाड़ी हैं। भारतीय टीम का मैनेजमेंट उनके हाथों में ऐसे समय आया है जब टीम इंडिया क्रिकेट की बुलंदियों की तरफ बढ़ रही है। नए कोच के लंबे अनुभव और खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखते हुए आने वाला समय भारतीय क्रिकेट टीम का स्वर्ण काल हो सकता है। बेहतर तालमेल से गंभीर विश्व कप जीतने की भारत की लालसा पूरी कर सकते हैं।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.
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