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हरियाणवी की आत्मा
पंद्रह जुलाई के दैनिक ट्रिब्यून में नरेश कौशल का सम्पादकीय लेख ‘जीवंत रहे लोक मानस की धड़कन हरियाणवी’ पढ़ा। हरियाणवी में रचित परम्परागत व लोक साहित्य से नई पीढ़ी को जोड़ा जाए। हरियाणवी के व्याकरण-भाषा विज्ञान को समृद्ध करने की जरूरत है। भाषा के साहित्य को प्रोत्साहन के लिए पुरस्कार घोषित हो, विश्वविद्यालयों में हरियाणवी भाषा विज्ञान विभाग की स्थापना की जाए और हरियाणवी भाषा में पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन के लिए सरकार आर्थिक सहायता दे। हरियाणवी भाषा के लिए ऐसे मानक तय हों जिनके अंतर्गत हरियाणा की सभी बोलियों को एक कड़ी में पिरोया जा सके। जन मानस की भावनाएं ही हरियाणवी बोली की आत्मा हैं।
जयभगवान भारद्वाज, नाहड़, रेवाड़ी
आत्ममंथन करे भाजपा
चौदह जुलाई के दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर ‘इंडिया ने 10 पर दिखाया दम, 2 सीटें जीती भाजपा’ सात राज्यों में विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में इंडिया गठबंधन के मुकाबले में भाजपा की हार का वर्णन करने वाली थी। लोकसभा के चुनावों में मोदी के नेतृत्व में भाजपा की 240 सीटें लेकर एनडीए के साथ मिलकर सरकार तो बन गई लेकिन उसमें भाजपा का उतना दबदबा नहीं रहा। उपचुनावों में 13 सीटों में से केवल दो सीटें जीत पाना भाजपा की गिरती साख के बारे में बताता है। अभी 3 महीनों में हरियाणा समेत तीन राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव होने हैं। निराशाजनक परिणाम भाजपा के लिए खतरे की घंटी है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
हिट एंड रन का फन
देश में हिट एंड रन की घटित घटनाएं बताती हैं कि लोगों में कानून का भय कतई नहीं है। पहुंच वाले लोग मामले को अपने स्तर से निपटाने का मादा जो रखते हैं। हालांकि इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की चेतावनी को अगर गंभीरता से लें तो न्याय की उम्मीद बंधती है। अब यह तो समय ही बतायेगा कि नतीजा क्या निकलेगा लेकिन देश के आम नागरिकों का सड़कों पर चलना कब सुरक्षित होगा?
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.
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