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सैनिकों की शहादत
जम्मू के कठुआ क्षेत्र में सेना के काफिले पर आतंकवादियों का हमला बहुत ही चिंताजनक और दुखद है। पिछले तीस दिनों में जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के हमले बढ़ गए हैं। ऐसा लगता है कि चुनावों के बाद जो सरकारें यह समझने लगीं कि जनता ने लोकतंत्र का सहारा लिया इसलिए ज्यादा चिंता नहीं, यह सही नहीं। कश्मीर की जनता तो मतदान द्वारा अपना कर्तव्य पूरा कर चुकी है। अब भारत सरकार और देश के रक्षा मंत्री यह सुनिश्चित करें कि हमारे जो पांच जवान शहीद हुए हैं, इसके बदले में देश को सौ आतंकवादी जमीन के नीचे चाहिए। आतंकवादियों से निपटना सबसे पहली राष्ट्रीय आवश्यकता है।
लक्ष्मीकांता चावला, अमृतसर
मौसम की फिक्र
पिछले कुछ महीनों से भीषण हीटवेव से जूझ रहा उत्तर भारत मौसम के बदलने पर राहत की सांस ले रहा है। लेकिन देश के अन्य हिस्सों, खासकर पूर्वोत्तर, उत्तराखंड व गुजरात के मौसम में जो असामान्यता दिख रही है, वह चिंताजनक है। असम और अरुणाचल प्रदेश पिछले एक महीने से बाढ़ से जूझ रहे हैं, गुजरात में भी तूफान से जन-जीवन अस्त-व्यस्त होने की खबरें मिल रही हैं। जलवायु परिवर्तन में जिस तीव्रता से बदलाव आया है वह डराने वाला है। मौसम विभाग का कहना है कि जुलाई में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की उम्मीद है। मौसम की यह असामान्यता चिंतित करने वाली है।
संगीत, जीजेयू, हिसार
अंधविश्वास घातक
आधुनिक भारत के डिजिटल इंडिया एवं कंप्यूटर के युग में रहने के बावजूद अंधविश्वास और तांत्रिकों के चक्कर में समाज जकड़ा हुआ प्रतीत होता है। हम धार्मिक रहें, आस्थावान रहें और निष्ठावान रहें। लेकिन भेड़चाल से तो बचना होगा। योगी सरकार ने ऐसे ही आयोजन में भगदड़ मामले में कार्रवाई करते हुए क्षेत्र के सीईओ, एसडीएम और तहसीलदार समेत सात अफसरोंं को निलंबित किया जो सराहनीय है। देश में ऐसा माहौल बनाना है, जहां हम सत्संग करें, ज्ञान प्राप्त भी करें और वैज्ञानिक सोच भी बनी रहे।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
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