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मजबूत विपक्ष
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जिस अंदाज से राष्ट्रपति द्वारा दिए अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर केंद्र सरकार को घेरा है इससे एक बात स्पष्ट हो गई है कि राहुल गांधी देश के ज्वलंत मुद्दों पर जनता का ध्यान आकर्षित करते रहेंगे। स्पष्ट है राहुल विपक्ष के नेता के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत करना चाहते हैं। लोकतंत्र के लिए यह अच्छा होगा कि विपक्ष के नेता अपनी भूमिका एवं महत्व को समझते हुए जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे। विपक्ष के नेता की यह भी जिम्मेदारी है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच में बेहतर समन्वय और संवाद स्थापित करने की कोशिश करें।
वीरेन्द्र कुमार जाटव, दिल्ली
बीमार अस्पताल
कहने को भारत चिकित्सा के क्षेत्र में काफी तरक्की कर रहा है लेकिन फिर भी कुछ जगहों पर चिकित्सा व्यवस्था कमजोर है। इन दिनों फतेहाबाद के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है और जो कार्यरत डॉक्टर हैं वे भी कम नजर आते हैं। इससे मरीजों को बहुत ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है। इलाज के लिए निजी अस्पताल की अोर भागना पड़ता है। सरकार को अस्पतालों का समय समय पर निरीक्षण करते रहना चाहिए। ताकि चिकित्सा व्यवस्था सुचारु रूप से कार्य करे और जनता को परेशानी न हो।
शिवम उपाध्याय, जीजेयू, हिसार
हितों की रक्षा
उनतीस जून के दैनिक ट्रिब्यून में विश्वनाथ सचदेव का लेख ‘सत्तापक्ष व विपक्ष समझे मतदाता की चेतावनी’ चुनावों के नतीजों को लेकर विश्लेषण करने वाला था। नतीजों ने बता दिया है कि मतदाता संविधान की स्वयं रक्षा कर सकते हैं। इस बार विपक्ष मजबूत है। संसद की कार्रवाई से पता चलता है कि सत्तापक्ष का विपक्ष में विभिन्न विषयों पर रस्साकशी होने की संभावना है। मतदाता सत्तापक्ष तथा विपक्ष से संविधान के अनुसार उनके हितों की रक्षा करने की आशा करते हैं।
शामलाल कौशल, रोहतक
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