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ज़हर का कहर
देश में नकली शराब बनाने का धंधा थम नहीं रहा है। गत माह तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में ज़हरीली शराब पीने से अब तक 53 लोगों के मरने की खबर है। वहीं सैकड़ों लोग अस्पताल में भर्ती हैं। कुछ लोग रातोंरात पैसा कमाने के लिए इसमें ज़हरीले रासायनिक पदार्थ मिला देते हैं। शराब पीने वाले भी सस्ती के चक्कर में अपनी जान गवां बैठते हैं। इधर, एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब राज्य सरकार जहरीली शराब से होने वाली मौतों को रोकने में विफल रही है। जहरीली शराब के कहर को रोकने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।
लक्ष्य शर्मा, जीजेयू, हिसार
नहीं चूके चौहान
छब्बीस जून को दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित लेख ‘प्रदेश से निकल कर भी चूके नहीं चौहान’ में हेमंत पाल ने उल्लेखित किया है कि शिवराज सिंह बयानों में सतत इस तरह से छाए रहे कि ब्यूरोक्रेसी और उनके दल के लोग उनके इशारों को समझ कर काम करते थे। यद्यपि उनकी पूछ-परख विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान कम की गई किंतु उनकी यादें प्रदेश की जनता के दिलो-दिमाग में रही। प्रदेशवासियों ने भी सर्वाधिक मतों से जीत दिलाकर अपना फर्ज निभा दिया। झारखंड में भी चुनाव प्रभारी इसी विश्वास के साथ चौहान को बनाया है कि वहां भी लोगों के दिलो दिमाग में वे छाप छोड़कर ही आएंगे।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन
जीवन के पथ प्रदर्शक
एक जुलाई को दैनिक ट्रिब्यून में अंतर्मन के अंतर्गत प्रकाशित ‘नर हो न निराश करो मन को’ लेख जिंदगी में विपरीत स्थितियों में सकारात्मकता को बखूबी उजागर कर गया है। जब मन को निराशा घेर लेती है, सफलता नहीं मिलती, हार का सामना करना पड़ता है, तब आशा की ज्योति ही अंधेरे में उजाले की किरण बन राह दिखाती है। आशा, दृढ़ निश्चय और सकारात्मक दृष्टिकोण ही सफल जीवन के पथ प्रदर्शक हैं।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली
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