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06:44 AM Jun 29, 2024 IST

भविष्य से खिलवाड़
नीट यूजी परीक्षा 2024 के स्कोर कार्ड जारी होने के बाद से ही देशभर के लाखों छात्र और उनके समर्थन में राजनीतिक दल भी सड़कों पर उतर आये हैं। पेपर लीक और ग्रेस मार्क्स को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा। अब देश में पेपर लीक जैसे घटनाओं पर रोक लगाने के लिए ‘एंटी पेपर लीक’ क़ानून लागू कर दिया गया है। कानून के तहत दोषियों को 5-10 साल की जेल की सजा व एक करोड़ रुपये का जुर्माना होगा। पिछले सात सालों में तमाम परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक हो चुके हैं। लीक होने पर पेपर रद्द करना करोड़ों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
सौरभ बूरा, जीजेयू, हिसार

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महके लोकतंत्र
छब्बीस जून के दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित सम्पादकीय ‘लोकतंत्र की दरकार’ पढ़कर अहसास हुआ कि 18वीं लोकसभा में विपक्ष पिछले दशक के मुकाबले मजबूत बनकर उभरा है। किसी भी लोकतंत्र की खूबसूरती इस बात से है कि सरकार सहमति से चले। विपक्ष का भी कर्तव्य बनता है कि जिम्मेदार भूमिका में नज़र आये। निष्कर्ष यह है कि हंगामे, बहिष्कार व नारेबाजी के बजाय रचनात्मक और गरिमामय भूमिका की दरकार है। स्वस्थ लोकतंत्र की जरूरत है कि सरकार के निर्णयों में सभी छोटे-बड़े राजनीतिक दल की भागीदारी हो। आशा है कि पक्ष-विपक्ष मनभेद-मतभेद भुलाकर नये भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
जयभगवान भारद्वाज, नाहड़, रेवाड़ी

भ्रष्टाचार पर हो प्रहार
बिहार में एक के बाद एक तीन पुल ढह गये। दरअसल घोटाले, भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, गुणवत्ता हीन निर्माण देश की नींव को मजबूत करने की बजाय कमजोर करते हैं। एक विकासशील देश के लिए यह विषय गंभीर चिंतन की श्रेणी में होना चाहिए। बिना सत्ताधारियों के संरक्षण कोई भी इतनी हिम्मत नहीं जुटा सकता है। देश देख व समझ रहा है कि पाला बदलते ही भ्रष्टाचारी किस तरह से सत्ता की रसमलाई खाता है। जब तक भ्रष्टाचार पर बिना पक्षपात के प्रहार नहीं किया जाएगा, तब तक इसी तरह पुल ढहते रहेंगे।
हेमा हरि उपाध्याय, खाचरोद उज्जैन

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