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हालात का आईना
छब्बीस जून के ‘दैनिक ट्रिब्यून’ में श्री गुरबचन जगत का लेख गंभीर विषय को लेकर सारगर्भित था। लेख में पंजाब के आतंकवाद के कालखंड के जिन मुद्दों और आतंकवाद की विभीषिकाओं को गंभीरता से उठाया है, उन विभीषिकाओं को पंजाब के सभी लोगों ने झेला है। लेखक ने अपना प्रशासनिक कर्तव्य निष्ठा से निभाते हुए एक दशक तक चली हिंसा की सुनामी को अपनी आंखों से आगाज़ से अंत तक घटित होते देखा है। उन्होंने कहा कि आज की तारीख में राजनीतिक दलों का एक ही ध्येय है- संसद, विधानसभा, नगर निकाय और पंचायत के चुनाव लड़ना और जीतना । उनकी एकमात्र इच्छा सभी स्तरों पर ताकत हासिल करना है बगैर किसी जवाबदेही के। गुरबचन जगत जी का यह लेख पंजाब सरकार और मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के लिए आंखें खोलने वाला है। आज भी पंजाब में चरमपंथी तत्व विदेशों में बैठे अपने आकाओं की शह पर अपने पंख पसारने का प्रयास कर रहे हैं।
सुरजीत सिंह ‘विशद’, समराला
हरियाणा की चुनौतियां
हरियाणा भारत का एक अग्रणी राज्य है, जो कृषि, उद्योग और खेलों में अपनी पहचान रखता है। लेकिन विकास की चकाचौंध के पीछे भी कई गंभीर समस्याएं छुपी हुई हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर करती है। लेकिन किसान कई मुश्किलों का सामना करते हैं, जैसे कि सिंचाई के लिए पानी की कमी, फसल उत्पादों के लिए लाभकारी मूल्य न मिलना और बढ़ता हुआ कर्ज का बोझ। इन समस्याओं के चलते कई बार किसान आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लेता है। वहीं शिक्षित युवाओं की बेरोजगारी दर भी बढ़ रही है। रोजगार के अवसरों की कमी युवाओं के लिए एक बड़ी चिंता है। इसके लिए कौशल विकास और उद्यमशीलता को बढ़ावा देना अावश्यक है। इसके साथ ही दशकों से लिंग अनुपात एक गंभीर मुद्दा रहा है। यह सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित करता है और महिला सुरक्षा को कमजोर करता है।
संगीत, जीजेयू, हिसार