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जिम्मेदारी निभाएं
लेख ‘जानलेवा गर्मी’ में रिकार्ड तोड़ गर्मी और उसके दुष्प्रभावों के बारे में अच्छे से बताया गया है। ये भीषण गर्मी ग्लोबल वार्मिंग का ही नतीजा है जो मानव निर्मित है। केवल स्कूल बंद कर देना ही पर्याप्त नहीं, उन लोगों का क्या जिनका सारा दिन रोजी-रोटी के लिए घूमने का काम है? सरकार लोगों के लिए गर्मी से बचने के लिए एडवाइजरी जारी कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला नहीं झाड़ सकती। इतनी भीषण गर्मी में जगह जगह मुफ्त पानी की व्यवस्था होनी चाहिए और शेड लगा बैठने का इंतजाम होना चाहिए।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली
मौसम का रौद्र
इन दिनों दिल्ली समेत उत्तर-पश्चिम भारत में गर्मी अपने उफान पर है। 29 मई को दिल्ली का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया। तापमान 52.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा। इसी बीच पश्चिम-बंगाल में लोग तूफ़ान की वजह से अपने घर छोड़ने पर मजबूर हुए हैं। चक्रवती तूफ़ान की वजह से पश्चिम बंगाल में 120-130, किमी प्रतिघंटा की रफ़्तार से हवा चल रही थी। तूफान कितना खतरनाक था, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पहले एक घंटे में सैकड़ों बिजली के खंभे उखड़ने के साथ ही 6 लोगों की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने दिन में 12-3 बजे बाहर न निकलने की सलाह दी है।
सौरभ बूरा, जीजेयू, हिसार
बख्शा न जाये
राजकोट के गेम जोन एवं दिल्ली में बेबी केयर अस्पताल में लापरवाही से अग्निकांड हुए हैं। इससे राजकोट में 30 तथा बेबी केयर में सात बच्चे काल-कवलित हो गए। उल्लेखित है कि चार साल से अग्निशमन के प्रमाणपत्र के बिना गेम जोन चल रहा था। यहां वेल्डिंग का काम भी जारी था। ऐसे लापरवाह लोगों को किसी भी हालत में बख्शा न जाए। दोषियों पर कठोर कार्रवाई होे।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन