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अवैध निर्माण
वर्षों से हर नगर और कस्बों में अवैध कॉलोनियां बसी हुई हैंै। लोग भूमि परिवर्तन भी नहीं करवाते और हर साइज के प्लाट बेच देते हैं। जिससे यह अवैध काम बड़े पैमाने पर हो रहा है। उल्लेखनीय है कि सभी पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा अवैध कालोनियों को वैध करने की घोषणा होने से अवैध कॉलोनी का काम बंद नहीं हो सका। कठोर कानून न होने से संपत्ति जब्त करना और बेदखल करना भी कठिन काम है। वर्तमान सरकार की घोषणा से सभी पक्ष असमंजस में हैं। सरकार और भूस्वामी दोनों ही दोहरे संकट में हैं। अच्छा हो कि जो मकान बन चुके उनसे संपत्ति और अन्य सभी वैधानिक कर या शुल्क वसूला जाए। कॉलोनी और मकान को वैध किया जाए। भविष्य में अवैध निर्माण प्रतिबंधित भी करें।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन
सामंजस्य की राजनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक समाचारपत्र को दिए बयान में कहा है कि उनका विरोध किसी एक समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि वे कांग्रेस की सांप्रदायिक राजनीति को लेकर संकेत देते हैं। निश्चित रूप से किसी देश के प्रधानमंत्री की नीतियां समावेशी विकास पर होनी चाहिए, न कि धार्मिक भेदभाव पर। यह संदेश जाना चाहिए कि उनकी प्राथमिकता सामाजिक और आर्थिक समृद्धि है। क्या वास्तव में कांग्रेस की तुष्टीकरण राजनीति देश के विकास में बाधक बनी हुई है? इन सवालों का जवाब ढूंढ़ना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे यह स्पष्ट होगा कि भारतीय राजनीति किस दिशा में जा रही है।
वंश, जीजेयू, हिसार
सख्ती रोकेगी हादसे
दिल्ली के बेबी केयर अस्पताल और गुजरात के राजकोट के गेमिंग ज़ोन में लगी भीषण आग ने तंत्र की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्यों अग्निशमन के पुख्ता इंतजाम नहीं थे? गेमिंग ज़ोन बिना कानूनी अनुमति के कैसे चल रहा था? क्या अधिकारी ही मालिकों से मिले हुए थे? अस्पताल में नन्हे बच्चों की जान जाना किसी भी माता-पिता के लिए दिल चीर देने वाली घटना है। सरकार को ऐसे हादसे रोकने के लिए कड़े नियम बनाने चाहिए।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली