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दुरुपयोग न हो
ग्यारह मई दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘केजरीवाल को जमानत’ दिल्ली के मुख्यमंत्री, अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत के बारे में चर्चा करने वाला था। निस्संदेह ईडी ने इस जमानत का विरोध किया परंतु सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। केजरीवाल को यह जमानत कुछ शर्तों के साथ मिली है। बाहर आने के बाद केजरीवाल ने भाजपा पर ताबड़तोड़ हमले करने शुरू कर दिए हैं। वैसे आम चुनाव के दौरान सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। चुनाव आयोग को हस्तक्षेप करके रोकना चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक
ईमानदार कोशिश हो
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और भाजपा ने आरक्षण को राष्ट्रव्यापी मुद्दा बना लिया है। दोनों दलों के नेताओं में आरक्षण की तरफदारी करने की होड़ मची हुई है। विडंबना है कि आज आरक्षण का विरोध करने वाले चुप बैठे हुए हैं। देश में अधिकांश समय केंद्र और राज्य में कांग्रेस और भाजपा की सरकार रही है। लेकिन कटु सत्य है कि इन दोनों की सरकारों ने आरक्षण के निर्धारित कोटे को कभी भी पूरा नहीं किया। यदि सरकारें गंभीर होतीं तो केंद्र और राज्य सरकारों में आरक्षण का निर्धारित कोटा जरूर पूरा होता।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
अविश्वसनीय वादे
हर पार्टी अपने घोषणापत्र के माध्यम से देश के लोगों को अपने किए जाने वाले कार्यों तथा उनका महत्व बताती है। लेकिन पिछले कुछ सालों से ये चुनावी घोषणाएं महज एक रस्ममात्र रह गई हैं। सभी दल चुनाव पूर्व जो वादे करते हैं उनको चुनाव के बाद भुला देते हैं। अगर चुनाव पूर्व किये वादों के बारे में पूछ भी लिया तो नेता इनको चुनावी जुमला बताकर अपने नागरिकों के मत और विश्वास दोनों का अपमान करने से भी नहीं चूकते।
मुनीश कुमार, अलखपुरा, भिवानी