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शुद्ध खाएं फिर भी बीमार
एक मई के दैनिक ट्रिब्यून में नरेश कौशल का लेख ‘मिलावट इतनी कि शुद्ध खाएं, फिर भी बीमार हो जाएं’ मिलावटी तथा नकली चीजों के कारण बीमार तथा मरने का विश्लेषण करने वाला था। आजकल बाजार में दूध, दही, पनीर, मिठाइयां, देसी घी, मसाले, दवाइयां आदि सब नकली बिक रही हैं। ब्रांडेड कंपनियों के पेय तथा खाद्य पदार्थ तक नकली मिल रहे हैं। इन मिलावटी तथा नकली पदार्थ की निगरानी करने वाले विभाग भी सुस्त पड़े हुए हैं। वहीं नकली दवाइयों का बाजार भ्ाी खूब फल फूल रहा है। नकली तथा मिलावटी चीजों के ऊपर निगरानी रखने के लिए सरकार कोई फूलप्रूफ व्यवस्था क्यों नहीं करती।
शामलाल कौशल, रोहतक
पुख्ता प्रबंध हों
बीते दिनों दिल्ली और एनसीआर के लगभग 200 स्कूलों में बम रखने की ईमेल से मिली धमकी से पूरा दिल्ली सकते में आ गया। दिल्ली और एनसीआर के साथ-साथ अन्य राज्यों के स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षा संस्थाओं को सबक लेते हुए अपने यहां सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करनी होगी। सीसीटीवी कैमरे हर छोटे-बड़े स्कूलों और शिक्षण संस्थाओं में लगाने जरूरी किए जाने चाहिए। राज्य सरकारों को भी चाहिए कि वे स्कूलों और कॉलेजों के आसपास पुलिस की गश्त बढ़ाएं। इन संस्थाओं के खुलने और बंद के समय कड़ी सुरक्षा होनी चाहिए।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
चीन-पाक में तल्खी
चीन पाकिस्तान की नई सरकार से काफी नाराज चल रहा है। शपथ लेने के करीब 2 महीने के बाद भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ चीन यात्रा की आधिकारिक घोषणा का अब तक इंतजार कर रहे हैं। चीन पाकिस्तान के वर्तमान बर्ताव से सख्त नाराज है। कारण चीन पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरिडोर (सीपेक) प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी इंजीनियरों एवं नागरिकों पर हो रहे हमले को रोकने में पाकिस्तान नाकाम रहा है।
एमएम राजावतराज, शाजापुर